मार्च 2025 में एक विशेष खगोलीय घटना घटित होने वाली है, जिसे 'ब्लड मून' या पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा सुर्ख लाल रंग में दिखाई देगा। आइए जानते हैं कि यह घटना कब और क्यों होती है, और इसे कहां देखा जा सकेगा।
नई दिल्ली: मार्च 2025 में आसमान में एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। तीन साल बाद पृथ्वी के कुछ हिस्सों में पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse) देखा जाएगा। इस दौरान ब्लड मून (Blood Moon) का नजारा भी देखने को मिलेगा, जब चंद्रमा सुर्ख लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा। यह खगोलीय घटना उन लोगों के लिए खास होगी, जो ग्रहण और खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं।
कब और कहां दिखेगा ब्लड मून?
पूर्ण चंद्रग्रहण 13-14 मार्च 2025 की रात को होगा। इस दौरान उत्तर और दक्षिण अमेरिका के लोग ब्लड मून का अद्भुत दृश्य देख सकेंगे। इसके अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी यह नजारा आंशिक रूप से दिखाई देगा। भारत और एशिया के अन्य हिस्सों में यह ग्रहण नहीं दिखेगा, क्योंकि उस दौरान यहां दिन रहेगा।
कितनी देर तक रहेगा ब्लड मून?
* पूर्ण चंद्रग्रहण की कुल अवधि लगभग पांच घंटे होगी।
* ब्लड मून का दृश्य लगभग 65 मिनट तक स्पष्ट रूप से नजर आएगा।
* यूरोप में यह दृश्य चंद्रमा के अस्त होने से ठीक पहले दिखाई देगा।
ब्लड मून क्यों दिखाई देता है?
आमतौर पर चंद्रमा सफेद या हल्का पीला नजर आता है, लेकिन पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह ढक लेती है। इस दौरान सूर्य की कुछ किरणें जब पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती हैं, तो वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) के कारण लाल और नारंगी रंग की किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। यही कारण है कि पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल या भूरे रंग का नजर आता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता हैं।
क्या है पूर्ण चंद्रग्रहण?
पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और पृथ्वी की पूरी छाया चंद्रमा को ढक लेती है। इस दौरान कुछ समय के लिए चंद्रमा अदृश्य भी हो सकता है या उसका रंग बदल सकता है। ब्लड मून को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होगी। यदि आसमान साफ़ है और प्रकाश प्रदूषण कम है, तो यह घटना नंगी आंखों से भी देखी जा सकती है। हालांकि, टेलीस्कोप या बाइनोक्युलर से इसे और बेहतर तरीके से देखा जा सकता हैं।