राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा हैं।
पटना: 'जमीन के बदले नौकरी' (लैंड फॉर जॉब) भ्रष्टाचार मामले में, राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी बेटी हेमा यादव, बेटे तेजप्रताप यादव, पत्नी राबड़ी देवी, और बेटी मीसा भारती सहित सभी आरोपियों को समन जारी किया है। सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ फाइनल चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते (2004-2009) जमीन के बदले रेलवे में नौकरियां देने के कथित घोटाले से जुड़ा है। सीबीआई (CBI) की जांच में पाया गया कि रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियां देने के बदले कई उम्मीदवारों से उनकी जमीन बेहद कम दामों पर ली गई थी। इस मामले में लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, पूर्व विधायक भोला यादव, प्रेमचंद गुप्ता समेत 78 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया हैं।
11 मार्च को हो सकती है बड़ी कार्रवाई
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सीबीआई के आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया। जांच एजेंसी के अनुसार, यह घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया था, जिसमें लालू प्रसाद और उनके करीबी लोग सीधे तौर पर शामिल थे। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को तय की है, जिस दिन लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को पेश होना अनिवार्य होगा। अगर वे पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी हो सकता हैं।
CBI की जांच और आरोप
सीबीआई ने अपनी जांच में 30 सरकारी कर्मचारियों समेत 78 लोगों को आरोपी बनाया है। जांच में यह भी सामने आया कि रेलवे में भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार कर नौकरी दी गई थी और इसके बदले आरोपियों ने अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम पर जमीन ली थी। सीबीआई के अनुसार, इन संपत्तियों को बाद में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम ट्रांसफर किया गया।