प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 समिट का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय वैश्विक व्यापार और निवेश समिट में 60 से अधिक देशों के राजदूतों और दुनिया भर के उद्योगपतियों ने भाग लिया।
गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 समिट का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय वैश्विक व्यापार और निवेश समिट में 60 से अधिक देशों के राजदूतों और दुनिया भर के उद्योगपतियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पूर्वोत्तर भारत की अपार संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि अब भारत के विकास का अगला केंद्र पूर्वोत्तर बनने जा रहा हैं।
पूर्वोत्तर भारत एक नई क्रांति की दहलीज पर
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "एडवांटेज असम, केवल एक समिट नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर भारत के नए युग की शुरुआत है। पहले भी पूर्वी भारत देश की समृद्धि का केंद्र था और अब यह फिर से अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार है।" उन्होंने असम की भौगोलिक स्थिति, संसाधनों और युवा शक्ति को भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2013 में असम दौरे के दौरान उन्होंने कहा था कि "A for Assam", और आज वही सपना साकार हो रहा हैं।
AI का मतलब होगा - असम इंटेलिजेंस
इस समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी मौजूद थे। उन्होंने असम को तकनीकी क्रांति का अगला केंद्र बताते हुए कहा, "असम को अब तक दुनिया चाय के स्वर्ग के रूप में जानती थी, लेकिन आने वाले समय में यह तकनीकी स्वर्ग बनेगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि, "AI का मतलब सिर्फ 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' नहीं, बल्कि 'असम इंटेलिजेंस' भी होगा। असम के युवा दुनिया में टेक्नोलॉजी इनोवेशन का नया केंद्र बनेंगे।"
असम को मिलेगा वैश्विक मंच
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पूर्वोत्तर में चल रहे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि असम और पूर्वोत्तर को रेलवे, हाईवे, और डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है, जिससे व्यापार और निवेश के नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने असम सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य की विकास नीतियां स्थानीय युवाओं को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दे रही हैं।
एडवांटेज असम 2.0 समिट का उद्देश्य राज्य में निवेश को आकर्षित करना और इसे दक्षिण एशिया के व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करना है। इस समिट में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और नए व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना हैं।