भारत में सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते घर बनाने की लागत में इजाफा हो गया है, जिससे आम लोगों के लिए अपना घर बनाना और महंगा हो गया है। सीमेंट की 50 किलो के बैग की कीमत में देशभर में 5 से 20 रुपये तक का इजाफा हुआ है, जिससे रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हलचल मच गई है।
सीमेंट डीलर्स ने की कीमतों में बढ़ोतरी
सीमेंट की डिमांड मानसून के खत्म होने के बाद बढ़ जाती है, और इसे देखते हुए सीमेंट डीलर्स ने देशभर में कीमतों में बढ़ोतरी की है। इस साल के आखिरी महीने में सीमेंट के दाम 5 से 20 रुपये प्रति बैग तक बढ़े हैं। इन बढ़ी हुई कीमतों के चलते निर्माण की लागत में असर दिखाई दे रहा है, और यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
बढ़ी हुई कीमतों के कारणों का विश्लेषण
देश के पश्चिमी हिस्से में सीमेंट के दाम 5-10 रुपये बढ़े हैं, जबकि पूर्वी राज्यों में कीमतें 30 रुपये तक बढ़ चुकी हैं। दिल्ली में भी सीमेंट की कीमतों में 20 रुपये तक का इजाफा हुआ है। दक्षिण भारत के क्षेत्रों में सीमेंट के दाम 40 रुपये तक बढ़े हैं। इन कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से कंस्ट्रक्शन लागत में भी वृद्धि हो रही है।
इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर में निर्माण कार्यों के बढ़ने से भी सीमेंट की डिमांड में तेजी आई है, जिससे कीमतों में और इजाफा हुआ है। सरकार की तरफ से कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में और भी मांग देखने को मिलेगी, और सीमेंट के दाम बढ़ सकते हैं।
सीमेंट की कीमतों में वृद्धि का असर कंस्ट्रक्शन लागत पर
सीमेंट की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के साथ, कंस्ट्रक्शन लागत में भी बड़ा इजाफा हुआ है। कोलियर्स इंडिया द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार सालों में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के औसत कंस्ट्रक्शन लागत में 39 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। अक्टूबर 2020 में प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की औसत कंस्ट्रक्शन लागत 2000 रुपये प्रति वर्ग फुट थी, जो अब 2780 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुँच गई है।
इसके अलावा, पिछले एक साल में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन में औसतन 11 फीसदी का इजाफा हुआ है। लेबर कॉस्ट और कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स की कीमतों में हुई वृद्धि के कारण यह महंगाई और भी बढ़ी है।
कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स और लेबर कॉस्ट में बढ़ोतरी के कारण बढ़ी लागत
रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन सामग्री जैसे रेत, ईंट, लकड़ी, कांच और स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण निर्माण लागत बढ़ी है। इसके साथ ही, लेबर कॉस्ट में भी 25 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिससे कुल मिलाकर निर्माण में भारी वृद्धि देखी जा रही है।
निरंतर बढ़ती हुई लागत की चुनौती
इन बढ़ी हुई लागतों का असर सीधे तौर पर घर बनाने वाले आम नागरिकों पर पड़ेगा। रियल एस्टेट कंपनियों के लिए यह एक चुनौती बन चुकी है क्योंकि निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों और मजदूरी में इजाफे के कारण निर्माण परियोजनाओं की लागत में बढ़ोतरी हो रही है। इन सभी कारणों से सपनों का घर बनाने की प्रक्रिया और महंगी हो गई है, जिससे आम आदमी के लिए घर खरीदना और भी मुश्किल हो गया है।
सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी के साथ-साथ निर्माण लागत के बढ़ने से रियल एस्टेट और हाउसिंग सेक्टर में चुनौती खड़ी हो गई है। सरकार और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए यह समय अनुकूलन की चुनौती का है, ताकि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में बढ़ोतरी के बावजूद आम नागरिकों को राहत मिल सके।