प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेशी सामानों के बहिष्कार की जोरदार अपील करते हुए देशवासियों से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' सिर्फ सेनाओं का मिशन नहीं है, बल्कि इसमें आम जनता की सक्रिय भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को गति देते हुए विदेशी सामानों के बहिष्कार की जोरदार अपील की है। गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक विशेष जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” की शुरुआत की तुलना देश के आर्थिक और मानसिक स्वाभिमान की लड़ाई से की।
यह अपील केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी थी। पीएम मोदी ने दो प्रमुख वैश्विक शक्तियों अमेरिका और चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि अगर भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है, तो विदेशी सामानों की निर्भरता खत्म करनी ही होगी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ – देशभक्ति का नया आर्थिक आयाम
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल सीमाओं पर तैनात सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक भागीदारी से ही सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक देश के नागरिक विदेशी उत्पादों को त्यागने की ठान नहीं लेंगे, तब तक भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं बन सकती।
मोदी ने देशवासियों को एक अहम कार्य सौंपा अपने घरों में उपयोग होने वाले उत्पादों की सूची बनाना और पहचान करना कि इनमें से कौन-कौन से सामान विदेशी हैं। उन्होंने सवाल उठाया, जब गणेश जी की मूर्तियां भी विदेशी आ रही हैं और उनकी आंखें तक नहीं खुली होतीं, तो क्या हम इतना भी नहीं कर सकते कि अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए स्वदेशी मूर्तियां खरीदें?
चीन पर अप्रत्यक्ष वार, अमेरिकी व्यापार पर भी संकेत
अपने भाषण में उन्होंने चीन का नाम लिए बिना तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि होली के रंग और पिचकारियों से लेकर बच्चों के खिलौनों तक – चीन के सस्ते उत्पादों ने हमारे बाजार पर कब्जा कर लिया है। लेकिन ये सिर्फ व्यापार नहीं, हमारी आत्मनिर्भरता पर चोट है। इसके साथ ही अमेरिका जैसे देशों की ओर भी इशारा करते हुए पीएम ने कहा कि लाभ चाहे जितना भी हो, अगर वह देश की आर्थिक आज़ादी को कमजोर करता है, तो उसे त्यागना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव-गांव जाकर व्यापारियों को यह शपथ दिलवानी होगी कि वे विदेशी वस्तुओं को न बेचें। हो सकता है कुछ समय तक कमाई कम हो, लेकिन राष्ट्रभक्ति की कमाई अनंत होती है, उन्होंने जोश में कहा। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों से आह्वान किया कि वे गांव-शहर में अभियान चलाकर लोगों को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित करें।
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का संकल्प
मोदी ने कहा, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अगर हम अपने ही देश में बने सामानों का उपयोग न करें तो हम अपनी ही गति को धीमा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं, बल्कि भविष्य की मजबूती की नींव है। यह समय है, जब हर भारतवासी को यह तय करना होगा कि वह विदेशी उत्पादों से लाभ कमाएगा या देश की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा, उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में देशवासियों से अपील करते हुए कहा, आप एक नागरिक नहीं, इस राष्ट्र के प्रहरी हैं। ऑपरेशन सिंदूर का मतलब सिर्फ सीमा पर दुश्मनों से लड़ना नहीं, बल्कि घर के भीतर घुसे विदेशी सामानों को बाहर निकालना भी है।