आज, नेता संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा पूछे गए पांच सवालों का कोई भी जवाब देने में आरएसएस और बीजेपी नाकाम रहे हैं। संजय सिंह ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री मोदी पर भी तंज कसा।
New Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह ने आज प्रेस वार्ता में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछे गए पांच सवालों पर बीजेपी और आरएसएस खामोश हैं। संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल के सवालों का जवाब न तो आरएसएस दे पाया और न ही बीजेपी।
उन्होंने कहा कि इन सवालों के सामने सभी चुप हैं। सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दो बार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ईमानदार हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे।
भाजपा ने मुझे अलग करने की कोशिश की: मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि जेल में रहते हुए उन्हें भाजपा से शामिल होने के लिए लगातार संदेश आते रहे। उन्होंने बताया कि भाजपा ने उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए जिसके कारण उन्हें अपने बेटे की फीस भरने के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ा। सिसोदिया ने कहा कि वर्ष 2002 में उन्होंने पांच लाख रुपये में एक छोटा सा घर खरीदा था, लेकिन भाजपा ने उस पर भी कब्जा कर लिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उन्हें केजरीवाल से अलग करने के लिए अदालत में झूठ बोला और सारे आरोप उनके ऊपर डाल दिए। सिसोदिया के आरोपों के जवाब में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि आरएसएस प्रमुख को केजरीवाल द्वारा उठाए गए पांच सवालों के जवाब देने चाहिए। सिंह ने भी केजरीवाल के सवालों को दोहराते हुए कहा कि भाजपा के इस रवैये का जवाब जनता देगी।
ये सवाल क्यों उठ रहे हैं?
1. क्या सरकार गिराने के लिए लालच और डर का सहारा लेना लोकतंत्र के लिए सही है?देशभर में सरकारें गिराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लालच और ईडी-सीबीआई के डर का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्या ये लोकतंत्र की भावना के अनुरूप है?क्या आरएसएस इस रणनीति से सहमत है?
2. क्या भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल करना सही है? प्रधानमंत्री मोदी ने कई भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल कराया है, जिनके बारे में अमित शाह ने पहले "भ्रष्टाचारी" होने का आरोप लगाया था। क्या आरएसएस इस तरह की राजनीति को स्वीकार करता है
3. क्या भाजपा आरएसएस के सिद्धांतों पर चल रही है? भाजपा आरएसएस से पैदा हुई पार्टी है। आरएसएस को भाजपा के कामों को लेकर चिंता होनी चाहिए, क्योंकि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटकती हुई दिख रही है। क्या आरएसएस ने मोदी सरकार से इन गलतियों को सुधारने के लिए कहा है?
4. क्या जेपी नड्डा का बयान आरएसएस को नाराज नहीं करता?जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं है। इस बयान से आरएसएस और उसके कार्यकर्ताओं को दुख पहुंचा होगा। क्या आरएसएस इस पर कोई प्रतिक्रिया देगा?
5. क्या मोदी के लिए रिटायरमेंट का नियम लागू नहीं होना चाहिए? 75 वर्ष की आयु सीमा के नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को रिटायर किया गया था। अब अमित शाह कह रहे हैं कि ये नियम प्रधानमंत्री मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या यह सही है? ये सवाल महत्वपूर्ण हैं और इनके जवाब लोगों की सोच को प्रभावित करेंगे। यह देखना होगा कि आरएसएस और भाजपा इन सवालों का क्या जवाब देते हैं और देश का भविष्य क्या होगा।