अरविंद केजरीवाल ने पिछले रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने बताया कि वह 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 17 सितंबर को विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री को 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से आबकारी घोटाले में जमानत मिली थी।
New Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर कई आरोप लगाए गए हैं, लेकिन आबकारी घोटाला ऐसा मामला है जिसने पार्टी की छवि को बुरी तरह क्षति पहुंचाई है। मनीष सिसोदिया के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल भी इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहे। दोनों नेताओं को कई असफल प्रयासों के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल सकी है, हालांकि उन पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
जानें आबकारी घोटाले का सच
बात मार्च 2021 की है, जब दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की। सरकार ने इस नीति के माध्यम से राजस्व में बढ़ोतरी का दावा किया था। जैसे ही नीति को लागू किया गया, दिल्ली वालों को सस्ती शराब मिलने लगी। उस साल मार्च आते-आते, लोगों को आधे दाम पर भी शराब उपलब्ध हो रही थी। इस नीति में एक नया प्रयोग यह किया गया कि शराब की बिक्री का कार्य निजी कंपनियों को सौंपा गया।
यही मुद्दा था जो आने वाले दिनों में न केवल मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए, बल्कि पूरी आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया। हालांकि, आम आदमी पार्टी हमेशा इसे एक फर्जी घोटाला बताती रही है। पार्टी का दावा है कि इस मामले में जांच एजेंसियों को अब तक एक भी ठोस सबूत नहीं मिला है।
सचिव नरेश कुमार ने की मामले की जांच
एलजी वीके सक्सेना द्वारा मिली शिकायतों के आधार पर, उस समय के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने मामले की जांच की। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने इस मामले में बड़े घोटाले के संकेत दिए, और यहीं से यह मामला और भी सुलगने लगा। 22 जुलाई 2022 को एलजी ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की।
मामले में केजरीवाल की पहली गिरफ्तारी
CBI ने एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की और अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले मीडिया प्रभारी विजय नायर को 27 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया। यह इस मामले में पहली गिरफ्तारी थी। इसके बाद कई शराब कारोबारी भी गिरफ्तार किए गए। 26 फरवरी 2023 को, सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नौ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया।
इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह को लंबी पूछताछ के बाद उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। ED ने इस वर्ष 21 मार्च को आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया।
नेता के इस्तीफा देने की घोषणा
हाल ही में, आबकारी घोटाले में जेल से बाहर आने के महज दो दिन बाद एक नेता ने इस्तीफा देने की घोषणा की, जिसके बाद भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे घर-घर जाकर लोगों के बीच इस मसले को उठाएं।
भाजपा ने कहा है कि कार्यकर्ता आप सरकार के विभिन्न घोटालों जैसे आबकारी घोटाला, टैंकर घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक, अस्पताल, दवा आदि के बारे में जनता को अवगत कराएं। पार्टी का मानना है कि क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान न होने और आप सरकार में लगातार हो रहे घोटालों के कारण जनता में असंतोष है। इसलिए, कार्यकर्ताओं से निवेदन किया गया है कि वे लोगों को इन घोटालों की याद दिलाएं और उन्हें जागरूक करें।
पूरी आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को छुपाने के हैं विशेषज्ञ - वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो 24 घंटे और सातों दिन काम करने के लिए समर्पित है। हम हर चुनाव के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हमारी हर विधानसभा में प्रत्याशी भी तैयार हैं। जब भी चुनाव होंगे, भाजपा जीतकर सरकार बनाएगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं की एक बैठक में आह्वान किया कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया या पूरी आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को छुपाने के विशेषज्ञ हैं।
आप ने लोकसभा में "जेल का जवाब वोट से" अभियान चलाया था, लेकिन दिल्ली की जनता ने उन्हें शून्य सीटें दीं। ऐसे में जनता की अदालत में पहले ही फैसला हो चुका है। अब हमें जनता को फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार के घोटालों के बारे में बताना है और घर-घर जाकर उनके कुशासन को बेनकाब करना है।