Banaras-Kolkata Greenfield Expressway; 27 किलोमीटर छह लेन सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण रुकावट समाप्त, जानें पूरी जानकारी

Banaras-Kolkata Greenfield Expressway; 27 किलोमीटर छह लेन सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण रुकावट समाप्त, जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 27 अक्टूबर 2024

बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना में चंदौली के रेवासा से शिहोरिया कैमूर तक 27 किलोमीटर लंबी छह लेन सड़क के निर्माण के लिए एनजीटी की अनुमति मिल गई है। बिहार के कैमूर में बनने वाले नए वन क्षेत्र के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। पहले चरण की परियोजना 994 करोड़ रुपये में पूरी होगी, जिससे बनारस से कोलकाता की दूरी अब केवल आठ घंटे में तय की जा सकेगी।

वाराणसी: बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना में चंदौली के रेवासा से शिहोरिया कैमूर (पहला चरण) तक लगभग 27 किलोमीटर लंबी छह लेन की सड़क के निर्माण के लिए एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की अनुमति मिलने में बाधा दूर हो गई है।

इस परियोजना में चंदौली में 22.85 किलोमीटर और बिहार के कैमूर में 4.25 किलोमीटर लंबी सड़क का कार्य किया जाना है। कैमूर में करीब 1.56 हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र में है, जिसके अधिग्रहण के लिए समान मात्रा की भूमि अन्य स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि नया वन क्षेत्र बनाया जा सके। बिहार के कैमूर के खैती गांव में नया वन क्षेत्र स्थापित करने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है।

कंपनी को कार्यादेश जारी होने की प्रक्रिया शुरू

बिहार सरकार ने खैती गांव में भूखंड एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को हैंडओवर कर दिया है। अनुमति प्राप्त करने के लिए संबंधित फाइल एनजीटी को भेजी गई है, और दिल्ली मुख्यालय स्तर से इस प्रोजेक्ट को शीघ्र शुरू करने का दबाव बना हुआ है।

गुरुग्राम की कंपनी एनकेएस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने प्रोजेक्ट के रूट पर अपना ऑफिस खोल लिया है। एनजीटी द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिलने के बाद कंपनी को कार्यादेश जारी किया जाएगा।

994 करोड़ रुपये में पहले चरण की परियोजना

जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के पहले चरण के लिए 85 प्रतिशत जमीन की खरीद पूरी की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के हिस्से में 193 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है, जिसमें चंदौली में 185 हेक्टेयर जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। इसके अलावा, पैकेज दो और तीन के लिए बिहार के भभुआ, कैमूर और रोहतास में 422 हेक्टेयर जमीन खरीदने की योजना है, लेकिन वहां मुआवजे को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।

620 किमी लंबी परियोजना 13 चरणों में पूरी होगी

करीब 22 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह लेन वाली सड़क एक्सेस कंट्रोल तकनीक के आधार पर बनाई जाएगी। कोलकाता की ओर काम तेजी से चल रहा है।

एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद बनारस से कोलकाता की दूरी 15 घंटे से घटकर मात्र आठ घंटे में पूरी होगी। यह 620 किमी लंबी परियोजना 13 चरणों में पूरी की जाएगी, जिसमें उत्तर प्रदेश में 22 किमी, बिहार में 162 किमी, झारखंड में 200 किमी और पश्चिम बंगाल में 234 किमी का कार्य शामिल है। यूपी, बिहार और झारखंड के 386 किमी लंबे मार्ग का टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है।

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