Bharat Ratna Award 2024: चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न, PM मोदी ने किया ऐलान
केंद्र सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव, स्वर्गीय डॉ. एमएस स्वामीनाथन और किसान नेता चौधरी चरण सिंह को राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी.
मशहूर कृषि वैज्ञानिक MS स्वामीनाथन को भारत रत्न
केंद्र सरकार द्वारा भारत में हरित क्रांति के जनक और महान कृषि वैज्ञानिक डॉ. MS स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. इस घोषणा के बाद एमएस स्वामीनाथन की बेटी सौम्या ने कहां कि मेरे पिताजी अगर जीवित होते तो बहुत खुश होते.
Subkuz.com के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट ने पोस्ट में लिखा, "यह बहुत खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किए है और चुनौतीपूर्ण समय में कृषि को आत्मनिर्भर बनाया है. स्वामीनाथन ने धान की फसल को धान की फसल को बढ़ावा देने में मुख्य भूमिका निभाई थी. उन्हें धान की अनेक किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था.
स्वामीनाथन को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मान
मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन का जन्म 07 अगस्त 1925 को मद्रास के कुंभकोणम में हुआ था और 28 सितंबर 2023 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 93 साल की उम्र में अंतिम सास ली थी. जीवनकाल के दौरान डॉ. स्वामीनाथन को देश के किसानों और कृषि में अहम योगदान के लिए 1987 में कृषि के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानों में से एक प्रथम खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके बाद इन्हे पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
स्वामीनाथन ने IGRI-ICR, NCF समेत कई विभागों में निभाई जिम्मेदार
डॉ. स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर रहे. स्वामीनाथन 1961-72 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक रहे. उसके बाद 1972 से 1979 तक ICR के महानिदेशक और शिक्षा विभाग के सचिव रहे। वर्ष 2004 में इन्हे कमीशन ऑन फार्मर्स (NCF) कमीशन का अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने कई विभागों में रहकर किसान और कृषि के विकास के लिए अलग-अलग विभागों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभाई थी.
किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न....हमारा सौभाग्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा, "हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व PM चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न दिया जा रहा है. उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उन्होंने हमेशा देश के निर्माण में गति प्रदान की है. रालोद गांव के मुखिया जयंत सिंह ने अपने दादा चौधरी चरण सिंह भारत रत्न दिए जाने पर खुशी जाहिर की है. और पीएम मोदी की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा, "दिल जीत लिया."
चौधरी चरण सिंह का राजनितिक सफर
चौधरी चार सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को बाबूगढ़ छावनी नूरपुर तहसील, गाजियाबाद के एक जाट परिवार में हुआ था. जन्म के 6 वर्ष बाद उनका परिवार भूपगढी आकर बस गया. यहीं से उनके मन में किसानों के शोषण के खिलाफ संघर्ष का विचार पैदा हो गया. चौधरी चरण सिंह अपने जीवनकाल के दौरान...
इन्हे वर्ष 1937 में पहली बार पश्चिमी यूपी की छपरौली विधानसभा का सदस्य चुना गया.
वर्ष 1946 में चौधरी चरण सिंह पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने. इस दौरान उन्होंने राजस्व, चिकिस्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना सहित कई विभागों का कार्यभार संभाला था.
साल 1951 में राज्य में कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ न्याय और सूचना का कार्यभार दिया गया.
वर्ष 1960 में उन्होंने चंद्रभानु गुप्ता सरकार में गृह और कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभाला था.
उन्होंने 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 17 अप्रैल 1968 को पद से इस्तीफा भी दे दिया.
वर्ष 1979 में वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की थी.
28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह ने समाजवादी पार्टि और कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर देश की बागडोर संभाली.
पीवी नरसिम्हा राव को लेकर PM की पोस्ट
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "यह बहुत खुशी की बात है की हमारे पूर्व प्रधान मंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। नरसिम्हा राव ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न पदों पर रहते हुए शानदार तरीके से भारत की सेवा की थी. उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और विधानसभा सदस्य के रूप में कई वर्षो तक कार्य किया। प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण कदम उठाने के रूप में जाना जाता हैं.
नरसिम्हा राव का राजनीतिक सफर
पामुलापति वेंकट नरसिंह राव का जन्म 28 जून 1921 था तथा 23 दिसम्बर 2004 दिल्ली एम्स में आखरी सांस ली. नरसिम्हा राव को भारत के 9वें प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है'ला. ये 1971 से 1973 तक आन्ध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे चुके थे. नरसिम्हा राव 1975-76 तक अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव, 1968-74 तक आंध्र प्रदेश के तेलुगू अकादमी के अध्यक्ष और 1972 में मद्रास के दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के उपाध्यक्ष रहे.
उन्होंने 1957 से 1977 तक आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में तथा 1977 से 84 तक लोकसभा के सदस्य रहे कार्य किया और दिसंबर 1984 में रामटेक से आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए थे.