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Bihar Election 2025: हरियाणा CM के बयान से बढ़ी हलचल, NDA का नया चेहरा बनेंगे सम्राट चौधरी?

Bihar Election 2025: हरियाणा CM के बयान से बढ़ी हलचल, NDA का नया चेहरा बनेंगे सम्राट चौधरी?
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की सियासत में हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। इस बार चिंगारी हरियाणा से उठी है, जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक बयान ने नीतीश कुमार की अगुवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। एनडीए ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगा। लेकिन अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक बयान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।

दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम में आयोजित 'राष्ट्रीय जागृति महासम्मेलन' में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच से कहा कि 'अब विजय पताका बिहार में फहराया जाएगा, और यह काम हमारे सम्राट चौधरी के नेतृत्व में होगा।' इस बयान के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या सम्राट चौधरी बिहार में NDA का नया चेहरा बनने वाले हैं?

नीतीश के नेतृत्व को लेकर पहले ही स्पष्ट नहीं है स्थिति

गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था कि NDA नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा, लेकिन चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। यानी चुनाव से पहले नीतीश कुमार को चेहरा दिखाया जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर उनकी स्थिति अभी भी अनिश्चित है।

सम्राट चौधरी के नाम की चर्चा क्यों हो रही है?

बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बीजेपी के कद्दावर ओबीसी नेता हैं और पिछले कुछ समय से उन्हें पार्टी की तरफ से लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। हरियाणा सीएम का उनके समर्थन में दिया गया बयान न सिर्फ बीजेपी की अंदरूनी रणनीति का संकेत हो सकता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बिहार चुनाव में OBC वोट बैंक को साधने के लिए सम्राट चौधरी को आगे लाया जा सकता है।

कार्यक्रम में शामिल थे बड़े नेता

यह बयान ऐसे वक्त आया जब मंच पर खुद सम्राट चौधरी, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, और बिहार से उपेंद्र कुशवाहा जैसे प्रभावशाली नेता भी मौजूद थे। यानी यह कोई साधारण राजनीतिक मंच नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान बीजेपी के उस 'सॉफ्ट शिफ्ट' की ओर इशारा करता है, जहां वह नीतीश कुमार को सीमित भूमिका में रखकर धीरे-धीरे सम्राट चौधरी को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। हालांकि, नीतीश कुमार जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता को अचानक किनारे करना NDA के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

NDA की रणनीति में बदलाव संभव?

अब सभी की नजर इस पर है कि खुद नीतीश कुमार या जदयू की ओर से इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया आती है। साथ ही बीजेपी नेतृत्व इस मसले पर क्या स्पष्टीकरण देता है, यह भी अहम होगा। फिलहाल तो एक बात तय है, बिहार की सियासत में इस एक बयान ने कई संभावनाओं के दरवाजे खोल दिए हैं और NDA की रणनीति को लेकर नए कयास शुरू हो चुके हैं।

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