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Bihar Election 2025: सिताब दियारा से PK की 'बिहार बदलाव यात्रा' शुरू, 243 सीटों पर फोकस

प्रशांत किशोर ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा से 'बिहार बदलाव यात्रा' शुरू की। 120 दिनों में सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर जन सुराज का विजन जनता तक पहुंचाएंगे।

Bihar Election 2025: जनता के बीच ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का संदेश लेकर प्रशांत किशोर ने आज से अपनी बड़ी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत कर दी है। ‘बिहार बदलाव यात्रा’ का आगाज़ लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सारण जिले के सिताब दियारा स्थित जेपी स्मारक से हुआ। चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (PK) अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुके हैं और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जुट गए हैं।

243 विधानसभा क्षेत्रों की होगी यात्रा

प्रशांत किशोर की इस यात्रा का मकसद स्पष्ट है—जनता के बीच जाकर जन सुराज पार्टी का विजन बताना और बिहार के विकास का नया रोडमैप पेश करना। यह यात्रा पूरे 120 दिन चलेगी, जिसमें पीके सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। हर दिन दो से तीन विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। यह यात्रा सिर्फ एक चुनाव प्रचार नहीं बल्कि एक व्यापक जन-संपर्क अभियान है, जिसमें जनता से सीधा संवाद होगा।

जनता के बीच जाकर होगा संवाद

प्रशांत किशोर और उनकी टीम हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर नुक्कड़ सभाएं करेंगी, लोगों की बात सुनेंगी और जन सुराज पार्टी का विजन साझा करेंगी। इस दौरान वे सरकार और विपक्ष दोनों की विफलताओं को जनता के सामने रखेंगे।

पीके का साफ कहना है कि जन सुराज सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो व्यवस्था परिवर्तन का सपना लेकर निकला है।

जेपी की विरासत से जोड़ा बदलाव का मिशन

बिहार बदलाव यात्रा की शुरुआत जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा से करने के पीछे एक गहरा संदेश है। पीके का मानना है कि बिहार में पिछले 35 वर्षों से वही लोग सत्ता में हैं, जो खुद को जेपी का अनुयायी कहते हैं, लेकिन उनके विचारों और सिद्धांतों को पूरी तरह नकार चुके हैं। प्रशांत किशोर ने कहा,

"मैं जेपी के गांव से इस यात्रा की शुरुआत कर रहा हूं ताकि उनकी विरासत को दोबारा जीवंत किया जा सके और बिहार को एक नई दिशा दी जा सके।"

पहले भी कर चुके हैं पदयात्रा

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब पीके बिहार की सड़कों पर जनता से जुड़ने निकले हैं। इससे पहले 2 अक्टूबर 2022 को उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत की थी, जो करीब दो साल तक चली। इस यात्रा के जरिए उन्होंने राज्य के कोने-कोने में जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं और राजनीतिक विकल्प तैयार किया। उसी का परिणाम है जन सुराज पार्टी, जिसे 2 अक्टूबर 2024 को लॉन्च किया गया।

यात्रा के जरिए उठेंगे ज़रूरी मुद्दे

प्रशांत किशोर की इस यात्रा का उद्देश्य केवल प्रचार नहीं, बल्कि जन मुद्दों को उजागर करना भी है। वे लगातार कह रहे हैं कि बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना, भूमि सुधार, दलित-महादलित कल्याण जैसे मुद्दों पर जनता के साथ धोखा किया है। पीके का आरोप है कि ये योजनाएं सिर्फ राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनी रहीं, जबकि ज़मीनी हकीकत बहुत अलग है।

चुनाव से पहले पूरा होगा अभियान

जन सुराज पार्टी की योजना है कि यह यात्रा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले पूरी कर ली जाए ताकि प्रचार अभियान की नींव जनता के सीधा संवाद से मजबूत की जा सके। पीके मानते हैं कि जनता के बीच जाकर संवाद करने से ज्यादा असरदार कोई रणनीति नहीं हो सकती।

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