BPSC Protest: प्रशांत किशोर की जमानत पर शर्त, BPSC प्रदर्शन मामले में जेल जाने का खतरा, जानिए पूरा मामला 

BPSC Protest: प्रशांत किशोर की जमानत पर शर्त, BPSC प्रदर्शन मामले में जेल जाने का खतरा, जानिए पूरा मामला 
Last Updated: 1 दिन पहले

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर को पटना के गांधी मैदान में छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। उन्हें पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें सशर्त जमानत मिली।

BPSC Protest: बिहार में BPSC परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार सुबह करीब 4 बजे गिरफ्तार किया। उन्हें गांधी मैदान से हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए एम्स पटना भेजा गया। एम्स के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ जमा हो गई थी, जो एंबुलेंस को अंदर जाने से रोक रहे थे। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए एंबुलेंस को प्रवेश कराया। इस दौरान, प्रशांत किशोर ने किसी भी तरह की जांच और अनशन तोड़ने से इनकार किया, जबकि डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच में कोई चिंता की बात नहीं बताई।

प्रशांत किशोर ने दी जमानत की शर्त पर प्रतिक्रिया

कोर्ट ने प्रशांत किशोर को 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी, लेकिन इसके साथ शर्त रखी कि वे भविष्य में ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे। प्रशांत किशोर ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि धरना प्रदर्शन उनका फंडामेंटल राइट है, और वे यह लिखकर नहीं देंगे। यदि वे कंडीशनल बेल बॉन्ड नहीं भरते, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि गांधी मैदान में धरना देना प्रतिबंधित था, जिसके बाद प्रशांत किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि 43 लोगों को हिरासत में लिया गया और 15 गाड़ियों को सीज किया गया। प्रशांत किशोर को पटना से बाहर एक अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया गया है, जहां उनके समर्थक विरोध कर रहे थे।

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर हमला

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि यह एक राजनीतिक नाटक था, जिसका उद्देश्य छात्रों के आंदोलन को बदनाम करना था। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और प्रशांत किशोर की मिलीभगत के कारण यह आंदोलन चार दिनों से जारी था।

प्रशांत के समर्थकों के साथ पुलिस की बदसलूकी

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा समर्थकों के साथ बदसलूकी का आरोप भी लगाया गया है। एक समर्थक ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान उनका चश्मा पुलिस द्वारा फेंक दिया गया और गाली-गलौच की गई। सोशल मीडिया पर भी जन सुराज पार्टी ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए यह कहा कि प्रशांत किशोर को एम्स ले जाने के बाद भी उनका अनशन तुड़वाने का प्रयास किया गया और समर्थकों पर लाठीचार्ज किया गया।

सूचना के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद प्रशांत किशोर को एक अज्ञात स्थान पर रखा गया था, जहां उनके समर्थक गाड़ी का पता नहीं लगा पा रहे थे। पुलिस ने गाड़ी की लोकेशन को ट्रैक करने में समस्या का सामना किया।

जन सुराज पार्टी का आरोप

जन सुराज पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि प्रशांत किशोर के समर्थकों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें इधर से उधर घुमा दिया और उनका अनशन तोड़ने के लिए दबाव डाला।

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