Chhath Puja in Yamuna: दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, यमुना नदी में छठ पूजा की अनुमति देने से किया इनकार, स्वास्थ्य पर असर का जताया खतरा

Chhath Puja in Yamuna: दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, यमुना नदी में छठ पूजा की अनुमति देने से किया इनकार, स्वास्थ्य पर असर का जताया खतरा
Last Updated: 06 नवंबर 2024

दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने प्रदूषण का हवाला देते हुए कहा कि इससे लोगों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पूजा के लिए एक हजार से अधिक वैकल्पिक स्थान उपलब्ध थे, लेकिन इसके बावजूद याचिका को खारिज कर दिया गया।

Chhath Puja: दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी के तट पर छठ पूजा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने पूजा की अनुमति की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई की, जिसमें अनुष्ठान पर प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी।

हालांकि, हाईकोर्ट ने यमुना नदी के गंभीर प्रदूषण का हवाला देते हुए कोई आदेश देने से इनकार किया। दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि नदी में पूजा की अनुमति देने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने हाल ही में हुए एक मामले का उदाहरण दिया, जिसमें एक व्यक्ति प्रदूषित पानी में डुबकी लगाने के बाद बीमार हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

कोर्ट ने की याचिका खारिज

कोर्ट ने कहा कि पूजा के लिए लगभग एक हजार वैकल्पिक स्थान पहले ही निर्धारित किए गए थे, जहां उत्सव के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए थे। हालांकि, कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि अन्य घाट और निर्दिष्ट क्षेत्रों में लोग सुरक्षित रूप से पूजा कर सकते हैं।

कोर्ट ने लगाया था प्रतिबंध

कोर्ट ने बताया कि यमुना नदी में उच्च स्तर पर प्रदूषण होने के कारण पूजा पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि नदी के जहरीले पानी में स्नान करने से लोग बीमार पड़ सकते हैं। अदालत पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यमुना नदी के तट पर छठ पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी।

कोर्ट ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता का यह कहना था कि कोविड-19 महामारी के दौरान पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई थी और अब फिर से प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, जिससे लोग दिल्ली में पारंपरिक तरीके से पूजा नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को जानकारी दी कि लोगों के लिए इन अन्य स्थानों पर अनुष्ठान करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

 

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