Bihar: भागलपुर में स्कूल की लापरवाही, छिपकली गिरा दूध पीने से 56 बच्चे बीमार, आनन-फानन में पहुंचाया अस्पताल

Bihar: भागलपुर में स्कूल की लापरवाही, छिपकली गिरा दूध पीने से 56 बच्चे बीमार, आनन-फानन में पहुंचाया अस्पताल
Last Updated: 22 मई 2024

भागलपुर के नवगछिया में स्थित अनुमंडल के एक निजी आवासीय विद्यालय के 56 बच्चे छिपकली वाला दूध पीने के बाद बीमार पड़ गए। इन्हें आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया।

भागलपुर: भागलपुर के नवगछिया से एक घटना सामने आई है। इसमें अनुमंडल के एक निजी स्कूलों में दूध रोटी खाने के बाद देर रात विद्यालय के आवासीय 56 छात्र एवं रसोईया अचानक बीमार पड़ गए। शिक्षकों ने बीमार पड़े छात्रों को तत्काल स्कूल प्रशासन के द्वारा अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर डॉक्टरों के द्वारा इलाज शुरू कर दिया गया।

कई बच्चों की हालत गंभीर

मिली जानकारी के अनुसार घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी डॉक्टर उत्तम कुमार, पुलिस मुख्यालय से DSP, थानाधिकारी एवं कई स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचे। बताया जा रहा है कि अस्पताल में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मची हुई थी, लेकिन डॉक्टरों के द्वारा इलाज के बाद कई छात्रों की स्थिति में सुधार होने के बाद माहौल सही हुआ। हालांकि, 18-19 छात्रों के उल्टी एवं गले के दर्द होने के कारण उनकी हालत अभी गंभीर है जिस कारण अभी उन्हें एडमिट रखा गया।

छिपकली गिरा दूध पीने से तबियत बिगड़ी

वहीं, इस घटना के बाद अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा विद्यालय की जांच के आदेश दिए गए। वहां मौजूद शिक्षकों ने बताया कि निजी आवासीय विद्यालय प्रेसीडेंसी पब्लिक स्कूल में रात्रि भोजन के बाद बच्चों को दूध वितरण किया जा रहा था, उसी दौरान दूध में छिपकली गिरी हुई मिली।

उसके बाद बच्चों को दूध पीने रोका गया, लेकिन तब तक कुछ बच्चे उल्टी करने लगे थे। उल्टी दस्त होने से उनकी तबियत बिगड़ने लगी। उसी समय विद्यालय में मौजूद आवासीय शिक्षक का आशुतोष कुमार, भूषण कुमार सहित अन्य लोगों द्वारा छात्रों को आनन-फानन में अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी ने क्या कहा

बता दें कि, अनुमंडल पदाधिकारी डॉक्टर उत्तम कुमार ने मिडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस निजी स्कूल के बच्चों के दूध पीने के बाद बीमार पड़ने की सूचना पर सभी अधिकारी अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। यहां पर बच्चों ने बताया कि किस तरह से दूध पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।

जांच के दौरान अस्पताल के डॉ बी दास ने बताया कि फूड प्वाॅइजनिंग जैसा मामला सामने आया है। सभी बच्चों का इलाज प्राथमिक उपचार के तहत किया गया। फ़िलहाल, सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।

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