महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद, पार्टी संगठन में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। CWC बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी के सुधार हेतु रणनीति पर चर्चा की।
Congress Working Committee: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी की वर्किंग कमिटी (CWC) ने संगठन में सुधार और चुनावी प्रक्रिया पर मंथन किया। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुटबाजी और अनुशासन की कमी पर चिंता जताई और कड़े फैसले लेने की बात की। इसके साथ ही, चुनाव आयोग की निष्पक्षता और ईवीएम से जुड़ी समस्याओं को लेकर पार्टी ने सवाल उठाए और देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की।
राहुल गांधी का स्पष्ट संदेश
बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से संगठन में सुधार के लिए जवाबदेही तय करने की अपील की और कहा कि इसके लिए 'चाबुक' चलाना जरूरी है। राहुल ने यह भी कहा कि केवल ईवीएम ही नहीं, बल्कि पूरी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठने चाहिए और चुनाव आयोग को अपनी भूमिका में सुधार करना चाहिए। पार्टी के अंदर गुटबाजी के कारण भी संगठन में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुशासन पर दिखाई सख्ती
सीडब्लूसी की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं को सख्त नसीहत दी। उन्होंने गुटबाजी और अनुशासन के मसले पर कड़ा रुख अपनाने का सुझाव दिया और कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कठोर फैसले जरूरी हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने उनका समर्थन करते हुए कहा, "खरगे जी चाबुक चलाइए।"
ईवीएम पर कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस ने बैठक में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और ईवीएम को लेकर उठ रहे विवादों को गंभीरता से लिया। पार्टी ने घोषणा की कि वे इस मुद्दे पर देशभर में आंदोलन करेंगे। हालांकि, ईवीएम बनाम बैलेट पर पार्टी का रुख स्पष्ट नहीं हो सका। कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैलेट से चुनाव की मांग की थी, लेकिन इस बैठक में इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
प्रियंका गांधी ने की अपील
प्रियंका गांधी ने भी बैठक में कहा कि ईवीएम और बैलेट को लेकर पार्टी को एक स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। इसके अलावा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर विचार करते हुए, कांग्रेस ने चुनावी व्यवस्था की पूरी प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता जताई।
कांग्रेस का मिशन
कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक में अपने संगठन को मजबूत बनाने के लिए नए कदम उठाने का संकल्प लिया है। यह बैठक इस बात का संकेत है कि पार्टी आगामी चुनावों में सुधार के साथ और ज्यादा ताकत से चुनावी मैदान में उतरेगी। पार्टी का ध्यान अब चुनावी प्रक्रिया, पारदर्शिता, और जवाबदेही पर रहेगा, ताकि भविष्य में ऐसे विवाद न उठें।