चक्रवाती तूफान 'दाना' के कारण ओडिशा में व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने एहतियातन प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।
Cyclone: चक्रवाती तूफान 'दाना' के कारण ओडिशा में गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहा है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, राज्य सरकार ने ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि मौसम विभाग ने तेज हवाएं और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट
चक्रवाती तूफान 'दाना' के मद्देनजर ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। राज्य सरकार ने एहतियातन प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। तूफान के चलते तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ और जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है।
भारी बारिश और बाढ़ की संभावना
तूफान 'दाना' के कारण तटीय इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना बन रही है, जिससे जनजीवन पर गंभीर असर पड़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव का क्षेत्र एक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान में बदल रहा है। इसके 25 अक्टूबर की सुबह पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तरी ओडिशा और दक्षिणी पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है। इस दौरान, हवाओं की गति 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है, जो अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बारिश की चेतावनी
चक्रवाती तूफान 'दाना' के प्रभाव से पश्चिम बंगाल में 24 और 25 अक्टूबर को भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, और झाड़ग्राम में अत्यधिक बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पुरुलिया और बांकुरा जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है, खासकर निचले इलाकों और तटीय क्षेत्रों में, जहां जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। राज्य प्रशासन ने आपात स्थितियों का सामना करने के लिए आवश्यक तैयारियों को शुरू कर दिया है और उचित कदम उठाए जा रहे हैं ताकि किसी भी संकट का समाधान किया जा सके।