DeepSeek AI Ban: भारत-अमेरिका सहित कई देशों ने लगाया डीपसीक पर बैन, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बना यह चाइनीज AI मॉडल

DeepSeek AI Ban: भारत-अमेरिका सहित कई देशों ने लगाया डीपसीक पर बैन, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बना यह चाइनीज AI मॉडल
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों ने चीन के एआई मॉडल Deepseek पर बैन लगा दिया है। इन देशों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण इस एआई मॉडल पर प्रतिबंध लगाया है। उनका कहना है कि इस मॉडल के डेटा स्टोरेज और प्रबंधन से संबंधित कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, जिससे यूजर्स का व्यक्तिगत डेटा खतरे में पड़ सकता हैं। 

नई दिल्ली: चाइनीज AI चैटबॉट DeepSeek के लॉन्च के बाद से यह दुनियाभर में सुर्खियों में है। इसके लॉन्च होने के बाद से कई देशों ने इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी की चिंताओं के चलते बैन कर दिया है। इनमें प्रमुख रूप से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, भारत और अन्य देश शामिल हैं। इन देशों का मानना है कि DeepSeek के जरिए यूजर्स का डेटा गोपनीयता और सुरक्षा के लिहाज से खतरे में पड़ सकता है। इन देशों ने यह भी कहा कि चाइनीज कंपनियों के AI मॉडल्स पर नियंत्रण और डेटा स्टोरेज के बारे में पारदर्शिता की कमी है, जिससे संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ सकता हैं।

क्यों लगा रहे हैं DeepSeek पर बैन?

DeepSeek को लेकर बढ़ती चिंताएं यह हैं कि यह यूजर्स का संवेदनशील डेटा स्टोर कर सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। इसके अलावा, कंपनी ने डेटा स्टोरेज से संबंधित अपनी पॉलिसी के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, जो देशों के लिए और भी ज्यादा चिंता का कारण बनी हैं।

ऑस्ट्रेलिया के साइबर सुरक्षा दूत एंड्रयू चार्लटन ने DeepSeek पर बैन लगाते हुए कहा कि वे सरकारी सिस्टम को इन प्रकार के ऐप्स के लिए एक्सपोज नहीं करना चाहते। उनका मानना है कि ऐसे AI मॉडल्स के माध्यम से किसी भी संवेदनशील सरकारी या नागरिक डेटा का उल्लंघन हो सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलिया ने DeepSeek और अन्य ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।

भारत ने भी इस संदर्भ में कड़ा रुख अपनाया है और सरकारी कार्यालयों में किसी भी AI टूल्स का इस्तेमाल, जिसमें ChatGPT और DeepSeek भी शामिल हैं, पर रोक लगा दी है। भारतीय सरकार का यह कदम सरकारी कार्यालयों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि ऐसे AI टूल्स के माध्यम से गोपनीय जानकारी लीक होने का खतरा रहता हैं।

इन देशों ने लगाया DeepSeek पर प्रतिबंध 

भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ताइवान, इटली, और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने DeepSeek पर बैन लगाने के फैसले के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि इन देशों में सरकारी डेटा की सुरक्षा और यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। यहां पर इन देशों द्वारा उठाए गए कदमों का संक्षिप्त विवरण दिया गया हैं।

* भारत: भारत के वित्त मंत्रालय ने कर्मचारियों को अपनी ऑफिशियल आईडी और डिवाइस से DeepSeek और अन्य AI टूल्स का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इन टूल्स के उपयोग से संवेदनशील सरकारी डेटा लीक हो सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा हो सकता है।

* ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया ने भी सरकारी डिवाइस पर DeepSeek के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। ऑस्ट्रेलिया की साइबर सुरक्षा एजेंसी का मानना है कि यह एआई टूल्स सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं और संवेदनशील डेटा के रिसाव का कारण बन सकते हैं।

* अमेरिका: अमेरिकी नौसेना ने भी DeepSeek के उपयोग पर ऑफिशियल और व्यक्तिगत दोनों रूपों में प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, टेक्सास ने सबसे पहले इस AI ऐप पर प्रतिबंध लगाया था, इस कदम को सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के कारण उठाया गया।

* ताइवान: ताइवान ने DeepSeek पर बैन लगाने वाले देशों की सूची में शामिल होने का फैसला किया। ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्रालय ने इसे यूजर्स के लिए खतरनाक बताया है, और सरकारी कर्मचारियों को इस एआई टूल के उपयोग से प्रतिबंधित कर दिया है।

* इटली: इटली ने DeepSeek पर बैन लगाने का निर्णय लिया है। इटली की डेटा सिक्योरिटी अथॉरिटी ने कहा कि यह एआई मॉडल लाखों यूजर्स के डेटा को कॉम्प्रोमाइज कर सकता है। इसके साथ ही, इटली ने कंपनी से यह सवाल पूछा है कि वह यूजर्स के डेटा को किस तरह से उपयोग करता है और किस स्थान पर स्टोर करता है।

* दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने इंटरनेट से जुड़े सैन्य कंप्यूटरों पर DeepSeek को ब्लॉक करने के आदेश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमीशन (PIPC) ने DeepSeek से यूजर्स के डेटा प्रबंधन को लेकर कई सवालों के जवाब मांगे हैं।

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