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राजस्थान को मिला नया DGP: राजीव शर्मा ने संभाली कमान, जानें उनका अनुभव व सफर 

राजस्थान को मिला नया DGP: राजीव शर्मा ने संभाली कमान, जानें उनका अनुभव व सफर 

राजस्थान के नए डीजीपी बने 1990 बैच के आईपीएस राजीव शर्मा। मथुरा निवासी शर्मा ने 3 जुलाई को पदभार संभाला। उन्होंने राज्य और केंद्र में कई अहम जिम्मेदारियाँ निभाई हैं और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हो चुके हैं।

राजस्थान को नया पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल गया है। 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा ने राज्य पुलिस प्रमुख के रूप में 3 जुलाई 2025 को कार्यभार संभाल लिया है। अनुभवी, शिक्षित और बहुआयामी प्रशासनिक पृष्ठभूमि से जुड़े शर्मा की नियुक्ति न सिर्फ उनकी वरिष्ठता का सम्मान है, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को नई दिशा देने की उम्मीद भी है।

मथुरा से मरुधरा तक का सफर

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में 15 मार्च 1966 को जन्मे राजीव शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद एम.ए. और एम.फिल की डिग्रियां हासिल कीं। वर्ष 1990 में उन्होंने प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की और राजस्थान कैडर में आईपीएस अधिकारी नियुक्त हुए।

तीन दशक से अधिक के सेवाकाल में शर्मा ने प्रदेश के कई महत्वपूर्ण जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवाएं दी हैं। उनकी कार्यशैली, अनुशासन और प्रशासनिक समझ के कारण वे हमेशा एक भरोसेमंद अधिकारी माने गए हैं।

राजस्थान के विभिन्न जिलों में निभाई जिम्मेदारियां

राजीव शर्मा का करियर कई जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने से सुसज्जित रहा है। उन्होंने झालावाड़, दौसा, राजसमंद, जयपुर ट्रैफिक, भरतपुर और जयपुर नॉर्थ जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में कार्य किया।

इसके अतिरिक्त वे भरतपुर रेंज और बीकानेर रेंज में आईजी (IG) भी रहे। उनके नेतृत्व में कई कानून-व्यवस्था से जुड़ी बड़ी चुनौतियों का समाधान हुआ और पुलिस विभाग में अनुशासन व सख्ती बढ़ी।

राज्य स्तर पर उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक, डीजी (कानून-व्यवस्था) और राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक जैसे अत्यंत संवेदनशील और प्रभावशाली पदों पर कार्य किया।

केंद्र सरकार में भी निभाई अहम भूमिकाएं

राज्य में अपने मजबूत प्रदर्शन के बाद राजीव शर्मा को केंद्र सरकार ने भी अहम जिम्मेदारियाँ सौंपीं। वे दिल्ली में CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। वहाँ उन्होंने कई बड़े और संवेदनशील मामलों की निगरानी की।

इसके अलावा उन्हें नई दिल्ली स्थित पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) का महानिदेशक बनाया गया था, जहां उन्होंने पूरे देश की पुलिस प्रशिक्षण, अनुसंधान और आधुनिकीकरण की योजनाओं को दिशा दी।

सम्मान और पहचान

राजीव शर्मा की कड़ी मेहनत और निष्पक्ष सेवाओं को देखते हुए उन्हें 2006 में पुलिस पदक और 2014 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया। ये सम्मान देश के सबसे प्रतिष्ठित पुलिस सम्मानों में गिने जाते हैं।

उनकी ईमानदारी, नेतृत्व क्षमता और जनसेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें राजस्थान पुलिस का एक भरोसेमंद चेहरा बना दिया है।

वरिष्ठता के आधार पर चयन, अनुभव ने दिलाया शीर्ष पद

राजस्थान में नए डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में UPSC ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों — राजीव शर्मा, राजेश निर्वाण और संजय अग्रवाल — के नाम राज्य सरकार को भेजे थे। इसमें से राजीव शर्मा की वरिष्ठता, निष्कलंक सेवा रिकॉर्ड और विविध अनुभवों को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें सर्वोच्च पुलिस पद के लिए चुना।

पूर्व डीजीपी रवि प्रकाश मेहरड़ा के सेवानिवृत्त होने के बाद 3 जुलाई 2025 को राजीव शर्मा ने राजस्थान पुलिस की कमान संभाली। उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा।

युवाओं के लिए प्रेरणा

राजीव शर्मा का करियर उन युवाओं के लिए एक आदर्श है, जो प्रशासनिक सेवाओं में आने का सपना देखते हैं। उन्होंने साबित किया है कि अनुशासन, अध्ययनशीलता और ईमानदारी से कोई भी अधिकारी जनता का विश्वास और सरकार की जिम्मेदारी दोनों अर्जित कर सकता है।

उनकी प्रोफाइल एक ऐसे अफसर की है, जिसने ग्राउंड लेवल पर काम करते हुए राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर नेतृत्व की भूमिका निभाई है। यही कारण है कि उन्हें राजस्थान पुलिस के सबसे बड़े पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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