Delhi Chunav 2025: कांग्रेस की एंट्री से बढ़ी AAP-BJP की टेंशन, इन 11 सीटों पर होगा कड़ा मुकाबला

Delhi Chunav 2025: कांग्रेस की एंट्री से बढ़ी AAP-BJP की टेंशन, इन 11 सीटों पर होगा कड़ा मुकाबला
अंतिम अपडेट: 2 घंटा पहले

Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 में यमुना जल विवाद और बजट ने सियासी समीकरण बदल दिए हैं। नई दिल्ली समेत 12 सीटों पर कांग्रेस ने AAP-BJP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

Delhi Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार आज सोमवार शाम को समाप्त हो जाएगा। पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक दलों के बड़े नेता चुनावी मैदान में पूरी ताकत से उतरकर एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे थे। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय convenor और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने के आरोप से दिल्ली के चुनावी माहौल में नया विवाद उत्पन्न हुआ है। साथ ही, केंद्रीय बजट में 12 लाख तक आयकर छूट की घोषणा ने चुनावी समीकरण को प्रभावित करने की संभावना को बढ़ा दिया है। दिल्ली में सभी सीटों पर कांटे की टक्कर देखी जा रही है, जबकि AAP के सामने चौथी बार सत्ता में वापसी का चुनौतीपूर्ण सफर है।

आप की सत्ता में वापसी की उम्मीद

आम आदमी पार्टी अपने पिछले कार्यकाल के दौरान दिल्लीवासियों को मुफ्त बिजली-पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा करती है। इसके अलावा, पार्टी ने महिलाओं को प्रति माह 2100 रुपये देने की घोषणा की है, साथ ही अन्य वर्गों के लिए भी कई गारंटी का ऐलान किया है।

इस योजना के तहत, आप दिल्ली में सत्ता में अपनी वापसी की उम्मीद कर रही है। हालांकि, कुछ दिन पहले पार्टी के बागियों ने भी परेशानी उत्पन्न की, जिससे AAP को नुकसान हो सकता है। इसके आठ विधायक और छह पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिससे पार्टी के सामने अपने कार्यकर्ताओं को जोड़कर रखने की चुनौती बढ़ गई है।

यमुना के पानी में जहर का विवाद 

हाल ही में यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर में वृद्धि से नया विवाद उत्पन्न हुआ, जिसमें अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने इस आरोप पर आक्रामक पलटवार किया और चुनाव आयोग से शिकायत की। प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य भाजपा नेताओं ने इस आरोप के खिलाफ AAP को घेरने की कोशिश की, जिससे इस विवाद ने हरियाणा और दिल्ली के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी समीकरण को प्रभावित किया है। भाजपा के नेता इसे दिल्ली और हरियाणा के लोगों के बीच रिश्तों से जोड़कर राजनीतिक फायदे की कोशिश कर रहे हैं।

केंद्रीय बजट का चुनावी असर

केंद्रीय बजट में आयकर छूट की घोषणा ने भी दिल्ली के चुनावों पर असर डालने की संभावना जताई है। भाजपा नेताओं का दावा है कि सिर्फ भाजपा ही मध्य वर्ग की चिंता करती है, और इस बार वे चुनाव में इस वर्ग को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बना रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में मध्य वर्ग को साधने में भाजपा विफल रही थी, लेकिन इस बार इस वर्ग को अपने पक्ष में करने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, आप ने भी मध्य वर्ग के लिए एक अलग घोषणा पत्र जारी किया है और दावा किया है कि केंद्र सरकार को उनके दबाव में यह निर्णय लेना पड़ा है।

कांग्रेस का चुनावी अभियान और प्रत्याशियों की चुनौती

कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। दोनों ने अपनी चुनावी सभाओं में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार और शीशमहल के मुद्दे पर तीखे हमले किए हैं। इसके साथ ही, वे महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी दिल्ली सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। कांग्रेस के प्रचार में तेजी आई है और पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा है। उन्हें उम्मीद है कि पिछले दो विधानसभा चुनावों से इस बार बेहतर प्रदर्शन होगा।

कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही सीटों पर मुकाबला

नई दिल्ली, कालकाजी, जंगपुरा, बादली, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, उत्तम नगर, सीलमपुर, बिजवासन, बवाना जैसी कई सीटों पर कांग्रेस ने AAP और भाजपा दोनों को कड़ी चुनौती दी है। इन सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी मजबूत स्थिति में हैं, और इन सीटों पर मुकाबला बहुत ही दिलचस्प होने की संभावना है।

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