दिल्ली चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिल रही है। उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस-AAP पर तंज कसते हुए कहा, "और लड़ो आपस में।" चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी 37, AAP 20 सीटों पर आगे।
Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में बीजेपी को भारी बढ़त मिलती दिख रही है। सभी 70 सीटों के रुझान सामने आ चुके हैं, जिसमें बीजेपी ने बढ़त बना रखी है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) पर कटाक्ष करते हुए कहा, "और लड़ो आपस में।" उमर का यह बयान गठबंधन की नाकामी पर एक बड़ा इशारा माना जा रहा है।
दिल्ली में कांग्रेस-AAP गठबंधन की कोशिश नाकाम
दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अंततः यह गठबंधन नहीं हो सका। इससे पहले हरियाणा में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन की कोशिशें नाकाम रहीं, जिसका फायदा बीजेपी को मिला और वहां भी उसे जीत मिली। अब दिल्ली में भी बीजेपी की बढ़त पर उमर अब्दुल्ला का बयान कांग्रेस और AAP के आपसी मतभेदों पर सवाल खड़े करता है।
इंडिया गठबंधन ने AAP को दिया समर्थन
दिल्ली में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों—समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना (यूबीटी) और हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया था। इन दलों ने माना कि दिल्ली में AAP मजबूत स्थिति में है, इसलिए उसे ही समर्थन देना सही रहेगा। हालांकि, इस समर्थन के बावजूद चुनावी रुझान बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
9:50 AM तक का चुनाव आयोग का आंकड़ा
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9:50 बजे तक बीजेपी 37 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि आम आदमी पार्टी 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर दिख रहा था।
चुनावी रुझानों में कुछ अहम उम्मीदवारों की स्थिति
नई दिल्ली सीट: अरविंद केजरीवाल 254 वोटों से आगे।
बल्लीमारान: AAP के इमरान हुसैन 476 वोटों से आगे।
गोपाल राय: 5602 वोटों से आगे।
आले मोहम्मद इकबाल: 3931 वोटों से आगे।
बीजेपी के मजिंदर सिंह सिरसा: 3338 वोटों से आगे।
कालकाजी: बीजेपी के रमेश बिधूड़ी 1149 वोटों से आगे, आम आदमी पार्टी की आतिशी पीछे।
मालवीय नगर: बीजेपी के सतीश उपाध्याय 956 वोटों से आगे।
ग्रेटर कैलाश: बीजेपी की शिखा राय 459 वोटों से आगे।
रुझानों से साफ है कि बीजेपी दिल्ली में मजबूत स्थिति में है, वहीं कांग्रेस और AAP के गठबंधन की नाकामी विपक्ष के लिए भारी पड़ सकती है।