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देश में महिला पुलिस अफसरों की कमी, IPS पद पर सिर्फ 960

देश में महिला पुलिस अफसरों की कमी, IPS पद पर सिर्फ 960
अंतिम अपडेट: 8 घंटा पहले

India Justice Report 2025 के अनुसार देश में सिर्फ 960 महिला IPS अफसर हैं, जबकि 90% महिला पुलिसकर्मी कांस्टेबल जैसे जूनियर पदों पर कार्यरत हैं।

नई दिल्ली: देश में महिला सशक्तिकरण की तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस विभाग में महिलाओं की भागीदारी और उनके उच्च पदों पर प्रतिनिधित्व की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। India Justice Report 2025 के अनुसार, भारत में कुल 2.4 लाख महिला पुलिस कर्मियों में से सिर्फ 960 महिलाएं ही IPS रैंक पर कार्यरत हैं, जबकि लगभग 2.17 लाख महिलाएं कांस्टेबल जैसे जूनियर रैंक पर सेवाएं दे रही हैं।

महिला अफसरों की संख्या 1,000 से भी कम

रिपोर्ट में सामने आया है कि DGP और SP जैसे सीनियर पदों पर देशभर में 1,000 से भी कम महिला अफसर कार्यरत हैं। वहीं, करीब 24,322 महिलाएं DSP, इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर जैसे गैर-IPS अधिकारी पदों पर कार्यरत हैं।

भारत में IPS अफसरों की अधिकृत संख्या 5,047 है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी अभी भी बेहद सीमित है। यह आंकड़ा पुलिस व्यवस्था में gender disparity की गंभीर तस्वीर पेश करता है।

MP में सबसे ज्यादा महिला DSP

रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में DSP रैंक पर सबसे ज्यादा 133 महिलाएं कार्यरत हैं। वहीं, रिपोर्ट में बताया गया कि 78% पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क की सुविधा मौजूद है, जो जमीनी स्तर पर सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

न्यायपालिका और कानूनी सहायता में प्रगति

रिपोर्ट में सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि जेल व्यवस्था, न्यायपालिका और Legal Aid सिस्टम का भी विश्लेषण किया गया है। 2019 से 2023 के बीच कानूनी सहायता पर प्रति व्यक्ति खर्च दोगुना होकर ₹6.46 तक पहुंच गया है। इसी दौरान जिला न्यायपालिका में महिला जजों की हिस्सेदारी बढ़कर 38% हो गई है।

हालांकि, न्यायपालिका में ST और SC वर्ग की हिस्सेदारी अभी भी कम है—जहां SC की भागीदारी 14% और ST की मात्र 5% बताई गई है।

महिला भागीदारी के लक्ष्य में सभी राज्य फेल

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि देश का कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पुलिस विभाग में महिलाओं के तय प्रतिनिधित्व लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है। Gender diversity को लेकर जागरूकता तो बढ़ी है, लेकिन ground reality में अब भी बड़े बदलाव की ज़रूरत है।

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