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Supreme Court: बच्चा चोरी केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त, आरोपी की जमानत रद्द, जानिए पूरा मामला

Supreme Court: बच्चा चोरी केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त, आरोपी की जमानत रद्द, जानिए पूरा मामला
अंतिम अपडेट: 11 घंटा पहले

15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर कड़ा फैसला सुनाया। बच्चा चोरी करने वाले हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिए, आरोपियों की जमानत रद्द की गई।

Supreme Court: चाइल्ड ट्रैफिकिंग (Child Trafficking) के गंभीर मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा और सख्त फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी हॉस्पिटल से नवजात बच्चा चोरी होता है, तो राज्य सरकार को सबसे पहले उस हॉस्पिटल का license रद्द कर देना चाहिए। कोर्ट ने इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की सलाह दी और आरोपियों को समाज के लिए खतरा बताया।

वाराणसी के केस से शुरू हुआ, देशव्यापी गिरोह तक पहुंचा मामला

यह मामला उत्तर प्रदेश के वाराणसी और आस-पास के हॉस्पिटल्स से बच्चों की चोरी का है। इन मामलों में आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2024 में जमानत दी थी। बच्चों के परिजनों ने इस फैसले के खिलाफ Supreme Court का रुख किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसका दायरा बढ़ाते हुए NHRC (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) और Indian Institute of Development से रिपोर्ट तलब की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत

जस्टिस जे बी पारडीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ये गिरोह देशव्यापी स्तर पर काम कर रहा था और चोरी हुए बच्चे पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान जैसे राज्यों से बरामद हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के जमानत आदेश को चुनौती न देना एक लापरवाह रवैया दिखाता है।

राज्य सरकारों को दिए सख्त निर्देश

Supreme Court ने कहा कि सभी राज्य सरकारें Indian Institute of Development के सुझावों को implement करें। कोर्ट ने विशेष तौर पर निर्देश दिया कि अगर किसी अस्पताल से बच्चा चोरी हो जाए, तो तुरंत उसका license cancel कर दिया जाए। यह कदम preventive action के रूप में काम करेगा और ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।

माता-पिता को दी सावधानी की सलाह

कोर्ट ने सभी माता-पिता से अपील की कि वो हॉस्पिटल में अपने नवजात बच्चों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहें। साथ ही, देशभर के सभी हाई कोर्ट को निर्देश दिया गया कि वे चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़े सभी लंबित मामलों का ब्यौरा लेकर ट्रायल कोर्ट को 6 महीने के भीतर फैसले के आदेश दें।

बच्चा खरीदने वालों पर भी सख्ती

Supreme Court ने उन लोगों की भी जमानत रद्द कर दी, जिन्होंने चोरी हुए बच्चों को जानबूझकर खरीदा। कोर्ट ने कहा, “अगर कोई निःसंतान है, तो इसका मतलब ये नहीं कि वो चोरी किया हुआ बच्चा खरीद ले। यह अपराध है और समाज के लिए घातक है।”

कोर्ट की भावुक टिप्पणी

Supreme Court ने कहा, "अगर किसी मां-बाप का बच्चा मर जाए, तो वो सोचते हैं कि वह भगवान के पास चला गया, लेकिन जब बच्चा चोरी हो जाए, तो वो अनजान हाथों में होता है। यह दुख शब्दों से परे है।"

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