सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जॉयमाल्या बागची को देश की सर्वोच्च अदालत में नियुक्त करने की सिफारिश की हैं।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जॉयमाल्या बागची को देश की सर्वोच्च अदालत में नियुक्त करने की सिफारिश की है। अगर यह सिफारिश मंजूर होती है, तो जस्टिस बागची 2031 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने की कतार में होंगे। उनके पास छह साल से अधिक का कार्यकाल होगा, जिससे वे न्यायपालिका में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट से लंबे समय बाद CJI बनने का मौका
कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में इस बात का भी जिक्र किया है कि 2013 में तत्कालीन चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की सेवानिवृत्ति के बाद से कलकत्ता हाई कोर्ट से कोई भी न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में CJI नहीं बना है। जस्टिस बागची के चयन से इस हाई कोर्ट को फिर से शीर्ष न्यायालय में सशक्त प्रतिनिधित्व मिलेगा।
अगर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाता है, तो 25 मई 2031 को जस्टिस के. वी. विश्वनाथन के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस बागची 2 अक्टूबर 2031 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में सबसे आगे होंगे। उनकी वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की हैं।
13 वर्षों से अधिक का अदालती अनुभव
जस्टिस जॉयमाल्या बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। बाद में 4 जनवरी 2021 को उनका स्थानांतरण आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में कर दिया गया, लेकिन कुछ ही महीनों बाद 8 नवंबर 2021 को वे दोबारा कलकत्ता हाई कोर्ट लौट आए। उनके पास हाई कोर्ट के जज के रूप में 13 वर्षों से अधिक का अनुभव हैं।
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की बेंच में कलकत्ता हाई कोर्ट से केवल एक जज हैं। अगर जस्टिस बागची की नियुक्ति होती है, तो इससे कलकत्ता हाई कोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय में एक मजबूत प्रतिनिधित्व मिलेगा और न्यायिक संतुलन भी बेहतर होगा।