बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है। बसपा प्रदेश मुख्यालय में रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मायावती ने कहां कि 'SC-ST आरक्षण का बंटवारा अनुचित और असंवैधानिक हैं. न्यायालय को अपना फैसला वापस लेना चाहिए या फिर पुनर्विचार करें।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने SC-ST आरक्षण के कोटे में बंटवारे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से असहमति जताई है। उन्होंने बसपा प्रदेश मुख्यालय में रविवार (4 अगस्त) को मीडिया से बातचीत करते हुए कहां कि हमारी पार्टी न्यायालय के इस फैसले से पूरी तरह असहमत है। क्योकि आरक्षण का बंटवारा अनुचित और असंवैधानिक है। यह बंटवारा करके अनुसूचित जाति व जनजाति को भारतीय संविधान से अलग करने वाला फैसला हैं। बता दें शीर्ष अदालत ने इससे पहले 2004 में ऐसा फैसला सुनाया था, लेकिन तब उन्होंने वर्गीकरण की अनुमति प्रदान नहीं की थी। बसपा प्रमुख ने एनडीए सरकार के साथ-साथ कांग्रेस पर भी हमला करते हुए आरोप लगाया कि इन्होंने कोर्ट में सही पैरवी नहीं की हैं।
सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करें - मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहां कि शीर्ष अदालत ने कुछ मुख्य बिंदु पर विचार नहीं किया कि अनुसूचित जाति व जनजाति में किन लोगों को क्रीमिलेयर लेयर की श्रेणी में रखा जाएगा और इसका मानक कितना होगा। कहां कि इस निर्णय से जनता में असंतोष की भावना पैदा हो सकती है। इससे केंद्र और राज्य सरकारों के बीच भी दूरियां बढ़ेगी। क्योकि राज्य सरकारें अपने वोट बैंक के लिए मनचाही जातियों को आरक्षण का लाभ पहुंचाएगी और मौजूदा समय में एससी और एसटी को मिल रहा आरक्षण पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। हम सुप्रीम कोर्ट से यही कहना चाहते हैं कि वह अपने फैसले को पुनर्विचार करने के लिए वापस ले।
बहुजन समज पार्टी की प्रमुख मयावती ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहां कि इन दोनों दलों के गलत बयान से मौजूदा समय में चल रहे आरक्षण के विरुद्ध कोर्ट ने फैसला दिया। इस बात से यही साबित होता हैं कि यह लोग आरक्षण को खत्म करन चाहते है और इसका जरिया न्यायपालिका बनाया गया हैं। बता दें इससे भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को आरक्षण खत्म करने के लिए संविधान को बदलने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
मायावती ने भाजपा-कांग्रेस पर किया हमला
सुप्रीमो मायावती ने मीडिया के समक्ष कहां कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मतलबी पार्टी हैं, क्योकि इन्होंने सही पैरवी नहीं की थी। उन्होंने कहां यदि भाजपा की नीयत साफ है तो संसद में संविधान संशोधन करके इस फैसले को पलटवा दे। यदि ऐसा नहीं कर पाए तो साफ हो जाएगा कि इनकी नीयत बिलकुल ठीक नहीं है। उन्होंने कहां कि यदि जाटव या उससे मिलती जुलती जाति में कुछ लोग ऊपर उठ आए तो क्या पूरा समाज सुधर गया. बता दें 90 प्रतिशत की हालत अब भी बहुत खराब है और उन्हें आरक्षण की सख्त जरूरत है। मायावती ने केंद्र की एनडीए सरकार और विपक्ष आइएनडीआइए गठबंधन से एससी व एसटी आरक्षण को बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहां और आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में रखने की मांग की हैं।
मायावती ने एससी और एसटी वर्ग से की अपील
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एससी व एसटी वर्ग के लोगों से अपने संवैधानिक अधिकारों को बचाने के लिए अपील की। उन्होंने कहां कि आपातकालीन स्थिति को समझते हुए पूरा समाज एकजुट हो और सभी राजनीतिक पार्टियों पर इतना दबाव बनाए की, वे खुद संवैधानिक संशोधन करने के लिए पूरी तरह से मजबूर हो जाए।