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Farmers Protest: हरियाणा में फिर उठ सकता है किसान आंदोलन, आज खाप महापंचायत में जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन पर होगी चर्चा

Farmers Protest: हरियाणा में फिर उठ सकता है किसान आंदोलन, आज खाप महापंचायत में जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन पर होगी चर्चा
Last Updated: 1 दिन पहले

किसान नेता डल्लेवाल के अनशन के बाद हरियाणा में किसान आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है। रविवार को हिसार के बास गांव में महापंचायत होगी, जिसमें आंदोलन पर फैसले और आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

Farmers Protest: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के बाद अब हरियाणा और पंजाब के शंभू और खनोरी बॉर्डर पर एक साल से चल रहे किसान आंदोलन में फिर से गर्मी बढ़ सकती है। डल्लेवाल की बिगड़ती हालत और खाप पंचायत का समर्थन मिलने से आंदोलन को नया जीवन मिल सकता है।

हिसार में खाप महापंचायत

रविवार को हिसार के बास गांव में होने वाली खाप महापंचायत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत की बड़ी खापें और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके साथ ही आंदोलन में शामिल न होने वाले किसान संगठन और हरियाणा के अन्य किसान संगठन भी पंचायत में हिस्सा लेंगे। इस महापंचायत में किसान आंदोलन को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं, और आगे की रणनीति पर भी विचार होगा।

खाप पंचायत का संदेश

खाप पंचायत के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसान आंदोलन को खत्म नहीं किया गया है, बल्कि उसे स्थगित किया गया था। अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। महापंचायत में हरियाणा के सभी किसान संगठनों को एकजुट करने का फैसला लिया जाएगा, और अगर किसान नेता डल्लेवाल की हालत बिगड़ी, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

जगजीत डल्लेवाल की बिगड़ती हालत 

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं, और उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। डल्लेवाल का किटोन लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जो जानलेवा हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कर इलाज की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर चिंता जता चुका है और सरकार से तुरंत कदम उठाने की अपील कर चुका है।

अगली खाप महापंचायत की घोषणा

30 दिसंबर, सोमवार को पंजाब बंद का ऐलान किया गया है, जिसके तहत आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। इसके बाद 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक विशाल किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें आंदोलन के भविष्य और रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।

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