हरियाणा में भाजपा ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में नायब सिंह सैनी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव से पहले ही सैनी को भाजपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था।
चंडीगढ़: हरियाणा में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है, जिसमें भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आएगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने पहले ही नायब सिंह सैनी को हरियाणा में भाजपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था। वे 17 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
हरियाणा में भाजपा विधायक दल की बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में हुई, जिसकी सभी तैयारियाँ पहले से ही पूरी थीं। यह बैठक सुबह 10 बजे के आसपास शुरू हुई। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने सभी पार्टी विधायकों को चंडीगढ़ में लगातार दो दिन रहने के लिए कहा था, ताकि नई सरकार के गठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
आज राज्यपाल को सोपेंगे मंत्रिमंडल की सूची
बुधवार को भाजपा की आंतरिक चर्चाओं में ब्रेक लग गया, जब पार्टी ने आधिकारिक रूप से नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना। भाजपा के सूत्रों के अनुसार, नीतिगत फैसले पार्टी में एक बार ही होते हैं, और यह चुनाव से पहले ही तय कर लिया गया था कि नायब सिंह सैनी ही अगली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री होंगे। विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद, नायब सिंह सैनी आज ही राज्यपाल को उन विधायकों की सूची सौंपेंगे, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। यह कदम नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
नायब सैनी कल लेंगे सीएम पद की शपथ
भाजपा विधायक दल के नेता नायब सिंह सैनी 17 अक्टूबर को दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। उनके शपथ ग्रहण समारोह की सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके साथ ही, भाजपा ने विपक्षी नेताओं को भी इस समारोह में आमंत्रित किया है, जिससे राजनीतिक एकता और संवाद को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा हैं।