Home Stay In Bihar: मकान मालिकों के लिए खुशखबर, नीतीश सरकार ने 'होम स्टे' योजना को दिखाई हरी झंडी, जानिए इस योजना का क्या हैं लाभ?

Home Stay In Bihar: मकान मालिकों के लिए खुशखबर, नीतीश सरकार ने 'होम स्टे' योजना को दिखाई हरी झंडी, जानिए इस योजना का क्या हैं लाभ?
Last Updated: 08 अगस्त 2024

बिहार सरकार ने 'होम स्टे योजना' को हरी झंडी दिखा दी है। इस योजना के तहत पहले चरण में करीबन 1000 बेड विकसित किए जाएंगे। होम स्टे के लिए मकान मालिक का निबंधन दो वर्ष के लिए वैध होगा। उसके बाद मालिक को हर साल नवीकरण कराना होगा।

पटना: बिहार में ग्रामीण पर्यटन एवं इको पर्यटन स्थल के समीप पर्यटकों को आवासन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 'होम स्टे योजना' और 'बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना' को राज्य कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में आने वाले पर्यटकों को ठहराने के लिए एक से छह कमरों का निर्माण और दो से 12 बेड तक की अनुमति प्रदान की गई हैं।

अधिकारी ने बताया कि होम स्टे योजना के लिए मकान मालिक या प्रमोटर को अपने कमरों और बेड का निबंधन (अनुबंध के लिए कागजी कर्रवाही) पर्यटन विभाग से कराना होगा। बता दें माकन का निबंधन दो वर्ष के लिए वैध रहेगा, उसके बाद मालिक को हर साल पैसे देकर नवीकरण कराना होगा। बताया गया हैं कि निबंधन शुल्क के रूप में पहले दो वर्ष के लिए पांच हजार की राशि तय की गई है, जो वापस नहीं (नॉन-रिफंडेबल) होगा।

होम स्टे योजना का क्या हैं उद्देश्य?

पर्यटन मंत्री नीतीश कुमार मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि होम स्टे योजना का मुख्य उद्देश्य देसी और विदेशी पर्यटकों को गांवों में यात्रा के दौरान रहने के लिए कम खर्च में बेहतरीन कमरा और बेड उपलब्ध कराना है। इससे पर्यटकों को बिहार की संस्कृति, खान-पान और परंपरा से रू-ब-रू होने का भी सुअवसर प्राप्त होगा। इससे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बन जाएंगे। पर्यटन सचिव अभय कुमार ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में एक हजार कमरों को होम स्टे में बदला जाएगा।

मकान बनाने के लिए मिलेगा ऋण

अधिकारी ने बताया कि शहरी इलाके के पर्यटन स्थल से पांच किमी और ग्रामीण/इको पर्यटन स्थल से 10 किमी की परिधि में स्थित मकान मालिक या प्रमोटर को वित्तीय लाभ दिया जाएगा। बता दें वित्तीय लाभ के तहत कमरे के निर्माण और सजावट के लिए बैंक से ऋण मिलेगा। ऋण की राशि की अधिकतम सीमा 2.50 लाख रुपये प्रति कमरा निर्धारित की गई है। बताया कि इस राशि का ब्याज पर्यटन विभाग द्वारा बहन किया जाएगा। इतना ही नहीं मकान मालिक को कौशल विकास के तहत निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

 

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