Indian Navy: भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा कारनामा, भाई-बहन की जोड़ी एक साथ संभाल रही युद्धपोतों की कमान

Indian Navy: भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा कारनामा, भाई-बहन की जोड़ी एक साथ संभाल रही युद्धपोतों की कमान
Last Updated: 7 घंटा पहले

भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार एक ही परिवार के भाई-बहन को नौसेना के युद्धपोतों की कमान संभालने का मौका मिला है। इशान देवस्थली और प्रेरणा देवस्थली इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने जा रहे हैं।

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार किसी भाई-बहन की जोड़ी एक साथ नौसेना के युद्धपोतों की कमान संभाल रही है। कमांडर प्रेरणा देवस्थली और कमांडर ईशान देवस्थली, दोनों भाई-बहन हैं और वर्तमान में अलग-अलग युद्धपोतों का नेतृत्व कर रहे हैं। कमांडर प्रेरणा देवस्थली पिछले साल भारतीय नौसेना में युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं और वर्तमान में वे आईएनएस त्रिकंट की कमान संभाल रही हैं, जो एक तेज-गति वाला हमला करने वाला जहाज हैं।

भाई-बहन की जोड़ी संभाल रही युद्धपोतों की कमान

भारतीय नौसेना के इतिहास में कमांडर प्रेरणा देवस्थली और कमांडर ईशान देवस्थली भाई-बहन की जोड़ी एक साथ युद्धपोतों की कमान संभाल रही है। कमांडर प्रेरणा देवस्थली आईएनएस त्रिकंट की कमान में हैं, जो एक तेज-गति वाला हमला करने वाला जहाज है, जबकि कमांडर ईशान देवस्थली को अब आईएनएस विभूति की कमान सौंपी गई हैं।

आईएनएस विभूति भारतीय नौसेना का वीर श्रेणी का मिसाइल पोत है और हाल ही में यह गोवा के तट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में आयोजित भाप-पोत प्रदर्शन का हिस्सा रहा। दोनों भाई-बहन वर्तमान में नौसेना की पश्चिमी कमान के अंतर्गत कार्यरत हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 7 नवंबर 2024 को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के साथ विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का भी दौरा किया और भारतीय नौसेना के परिचालन प्रदर्शन का अवलोकन किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने की भारतीय नौसेना की सराहना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में भारतीय नौसेना की सराहना करते हुए कहा कि नौसेना की इकाइयाँ अपनी उत्कृष्ट क्षमताओं और रणनीतिक प्रभाव का प्रदर्शन करते हुए व्यापक क्षेत्रों में लंबे समय तक तैनात रहती हैं। उन्होंने नौसेना के त्वरित और सक्रिय कार्यों की प्रशंसा की, जो समुद्र में अनगिनत लोगों की जान बचाने में सहायक रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने एक खास घटना का उल्लेख किया, जिसमें बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने उन्हें फोन कर आभार व्यक्त किया था। यह फोन इस वर्ष की शुरुआत में भारतीय नौसेना द्वारा एक अपहृत जहाज से बुल्गारियाई चालक दल को बचाने के साहसिक कार्य के लिए किया गया था।

Leave a comment