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बिहार चुनाव से पहले शिक्षकों को तोहफा, ट्रांसफर प्रक्रिया होगी आसान! सीएम नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान

बिहार चुनाव से पहले शिक्षकों को तोहफा, ट्रांसफर प्रक्रिया होगी आसान! सीएम नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान

बिहार सरकार ने शिक्षकों के अंतर जिला ट्रांसफर को लेकर नया फैसला लिया है। अब 3 जिलों का विकल्प लिया जाएगा और उसी में पोस्टिंग की जाएगी।

Bihar Election: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों के लिए एक अहम घोषणा की है। शिक्षकों की अंतर जिला ट्रांसफर की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने नया निर्देश जारी किया है। अब शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प लिया जाएगा और उन्हीं में से किसी एक जिले में उन्हें पदस्थापित किया जाएगा। जिला स्तर पर पदस्थापन की जिम्मेदारी डीएम समिति को दी गई है ताकि उन्हें उनके पसंदीदा या नजदीकी प्रखंड में जगह मिल सके।

चुनावी मौसम में शिक्षकों को राहत देने वाला फैसला

बिहार में चुनावी माहौल गरम है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार नई-नई योजनाएं और घोषणाएं कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर एक बड़ा और राहत देने वाला फैसला लिया है। लंबे समय से शिक्षकों द्वारा अंतर जिला स्थानांतरण को लेकर आ रही समस्याओं पर सरकार ने अब स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि हाल में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण से संबंधित कई सुझाव और शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन्हीं शिकायतों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है।

अब शिक्षकों से लिए जाएंगे तीन जिले के विकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो शिक्षक अंतर जिला ट्रांसफर की मांग कर रहे हैं, उनसे अब तीन जिलों का विकल्प मांगा जाएगा। शिक्षकों को उन्हीं विकल्पों में से किसी एक जिले में पदस्थापित किया जाएगा। यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि शिक्षक अपनी सुविधा के अनुसार स्थान का चयन कर सकें और उन्हें बार-बार ट्रांसफर से जुड़ी परेशानियों का सामना न करना पड़े।

जिलों के अंदर ट्रांसफर का जिम्मा डीएम समिति को

सीएम नीतीश कुमार ने आगे बताया कि किसी भी जिले के अंदर पदस्थापन (posting) का कार्य अब जिला पदाधिकारी (DM) की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि शिक्षक को यथासंभव उनके पसंदीदा प्रखंड में या उसके नजदीक पदस्थापित किया जा सके।

शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कदम

नीतीश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए सरकार चाहती है कि शिक्षकों को प्रशासनिक समस्याओं से मुक्ति दिलाकर वे पूरी निष्ठा और समर्पण से शिक्षा कार्य में जुट सकें। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से यह भी आग्रह किया कि वे स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर चिंतित न हों और बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दें।

शिक्षक संगठनों की लंबे समय से थी यह मांग

गौरतलब है कि बिहार में लंबे समय से शिक्षक संगठनों द्वारा यह मांग की जा रही थी कि स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाया जाए। कई बार ऐसी शिकायतें सामने आई थीं कि शिक्षक अपनी इच्छा के विरुद्ध दूरदराज के इलाकों में भेज दिए जाते हैं, जिससे उनका व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन प्रभावित होता है। अब सरकार के इस कदम से उन शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी जो स्थानांतरण की प्रतीक्षा में थे।

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