Jagannath Rath Yatra 2024: हाथरस की घटना के बाद गुजरात पुलिस ने ली सीख, भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात होंगे 22 हजार जवान

Jagannath Rath Yatra 2024: हाथरस की घटना के बाद गुजरात पुलिस ने ली सीख,  भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात होंगे 22 हजार जवान
Last Updated: 30 नवंबर -0001

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना के बाद अहमदाबाद पुलिस ने सीख लेते हुए लोगों की सुरक्षा के लिए भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान 22 हजार जवानो को तैनात करेगी। लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 20 ड्रोन और कुछ बैलून-माउंटेड कैमरे भी लगाए जाएंगे।

अहमदाबाद: भगवान जगन्नाथ की हर साल होने वाली वार्षिक रथ यात्रा का इस बार 147वां संस्करण 7 जुलाई को अहमदाबाद में होने जा रहा है। रथ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसको देखते हुए गुजरात सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।

Subkuz.com ने जानकारी के आधार पर बताया कि अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक खान ने रथ यात्रा को लेकर करीब 600 पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में हाल ही में हुई भगदड़ को देखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी। बता दें कि हाथरस भगदड़ में 121 लोग मारे गए हैं।

ड्रोन और बैलून-माउंटेड कैमरों से होगी निगरानी

इसके अलावा अहमदाबाद पुलिस लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 20 ड्रोन और कुछ बैलून-माउंटेड कैमरे भी लगाएगी। बीएसएफ और रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कंपनियों और राज्य रिजर्व पुलिस की 35 कंपनियों को भी 16 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थानों पर तैनात किया जाएगा। रथ यात्रा में किसी भी तरह की अनहोनी ना हो इसके लिए पुलिस भीड़ में लोगों के चेहरों का डेटाबेस से मिलान करके अपराधियों की पहचान करने के लिए फेस डिटेक्शन कैमरों का इस्तेमाल करेगी।

रथ यात्रा मार्ग रहेंगे 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी

पुलिस कमिश्नर मलिक ने कहा, "7 जुलाई को रथ यात्रा मार्ग और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें नियमित पुलिस बल के 12,000 जवान, 6,000 होमगार्ड, सीएपीएफ की 11 कंपनियां और एसआरपी की 35 कंपनियां शामिल हैं।" उन्होंने बताया कि इसमें से 4,500 जवान पूरे मार्ग पर जुलूस के साथ चलेंगे, जबकि 1,931 जवान यातायात प्रबंधन के लिए तैनात किए जाएंगे।

 

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