केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया जम्मू-कश्मीर दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल मोदी सरकार के कारण ही श्रीनगर में अहदूस रेस्तरां में रात्रि भोज का आनंद ले पाए। उन्होंने राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन पर भी हमला बोलते हुए इसे राजनीतिक हताशा का परिणाम बताया हैं।
जम्मू: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शांति के माहौल में राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के नेता श्रीनगर के अहदूस रेस्तरां में रात्रि भोज का आनंद ले सकते हैं। डॉ. सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में एक स्थिरता का माहौल बना है, जिसके कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी जैसे लोग श्रीनगर के अहदूस रेस्तरां में शांति से रात्रि भोज का आनंद ले सकते हैं।
डॉ. सिंह ने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन उनकी हताशा का प्रमाण है, वे जनता को गुमराह करने के लिए एक साथ आ गए हैं।" यह बयान राहुल गांधी की जम्मू-कश्मीर यात्रा के बाद आया है, जहां उन्होंने विभिन्न नेताओं और लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए थे।
डॉ. सिंह न नेकां-कांग्रेस गठबंधन पर उठाए सवाल
डॉ. जितेंद्र सिंह ने हालिया नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को राजनीतिक हताशा की उपज बताया है। उन्होंने कहा कि यह अपवित्र गठबंधन सिर्फ़ राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए बना है, जिसमें विचाराधारा का त्याग कर दिया गया है। डॉ. सिंह के अनुसार यह गठबंधन लोगों की सेवा के लिए नहीं, बल्कि आत्मरक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि यह सत्ता के नेपथ्य में बना गठबंधन है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की आकांक्षाओं या जरूरतों की कोई परवाह नहीं है। उनका मानना है कि इस गठबंधन का परोक्ष एजेंडा दो झंडे, दो संविधान के विभाजनकारी ढांचे को बहाल करने का प्रयास है। यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए एक खतरा है और इससे क्षेत्र में अस्थिरता और असुरक्षा बढ़ सकती हैं।
'मोदी जी ने 370 हटाकर नेहरू के अधूरे काम को पूरा किया' - जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू का अधूरा काम पूरा किया है। कांग्रेस पार्टी को मोदी जी को इस ऐतिहासिक फैसले के लिए धन्यवाद देना चाहिए। नेहरू जी ने खुद रिकॉर्ड पर कहा था कि अनुच्छेद 370 समय के साथ समाप्त हो जाएगा, लेकिन यह निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए कायम रहा।
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आबादी को न्याय और समान अधिकार मिले हैं, जो पिछले सात दशकों से इनसे वंचित थे। पिछले पांच वर्ष में जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक शासन, विकास और सुरक्षा के हालात में बड़ा बदलाव आया है। यह फैसला देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है और यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक नया युग की शुरुआत का प्रतीक हैं।