पूर्व मंत्री सरयू राय झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा खेला करने की तैयारी में लगे हुए हैं। बता दें सरयू राय ने पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी के नेता कुणाल कुमार षाड़ंगी से गोपनीय रूप से मुलाकात की हैं। सरयू राय ने कुणाल को बहरागोड़ा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया हैं।
जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने वाले बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल कुमार षाड़ंगी जल्द ही पूर्व मंत्री सरयू राय की पार्टी भारतीय जन मोर्चा में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुणाल की जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के साथ मंगलवार को गोपनीय बैठक हुई है। सरयू राय ने कुणाल को बहरागोड़ा सीट से भाजमो के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए कहां है। वहीं कुणाल कुमार बहरागोड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैंं।
बहरागोड़ा से विधायक चुने गए थे कुणाल
Subkuz.com ने जानकारी के आधार पर बताया कि कुणाल ने अपना राजनैतिक सफर झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) से शुरू किया था। साल 2014 में झामुमो के टिकट पर ही कुणाल कुमार बहरागोड़ा से विधायक चुने गए थे। उसके बाद साल 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थमने पर उन्हें प्रदेश प्रवक्ता का पद दिया गया। भाजपा के टिकट पर उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। उसके बाद कुणाल जमशेदपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इस बात से नाराज होकर कुणाल ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी से त्यागपत्र दे दिया।
कुणाल ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल कुमार षाड़ंगी ने सोमवार की सुबह एक्स (ट्विटर) पर अपना दर्द बयान करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। 'आपसी ईर्ष्या', 'निम्न स्तर पर दलों की गुटबाजी', 'युवाओं के लिए नकारात्मकता की सोच', 'चापलूसी' और 'जरूरतमंदों के प्रति उदासीनता का व्यवहार' जैसे शब्दों से उन्होंने भाजपा की अंदरूनी तस्वीर को दुनिया के सामने उजागर करने की कोशिश की। उनके अनुसार "भाजपा में सिर्फ जनाधार विहीन नेताओं का ही बोलबाला होता है और जमीनी कार्यकर्ता उपेक्षित चुप रहते हैं।"
सरयू राय की पार्टी विधानसभा की 30 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
भारतीय जन मोर्चा (भाजमो) ने इस बार के विधानसभा चुनाव में 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। पार्टी का सबसे बड़ा मकसद राज्य में एक मजबूत तीसरी पार्टी बनकर खड़ा होना है। ऐसे में भाजमो और कुणाल एक-दूसरे के लिए बहुत जरुरी साबित हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि कुणाल के लिए अपनी पुरानी पार्टी-झामुमो में जाने की संभावना नहीं है। क्योंकि बहरागोड़ा से समीर कुमार मोहंती झामुमो के विधायक हैं। ऐसे में भाजपा छोड़ने के बाद उनके सामने विकल्प के रूप में केवल अन्य तीसरी पार्टी ही हो सकती हैं।
Kalya
- Thu, 11 Jul 2024Achha hoga wo jmm ke Sath jaye