झारखंड में सरकार गठन के बाद छठी विधानसभा का पहला सत्र चल रहा है। नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के बाद विधानसभा के नए अध्यक्ष का चयन भी हो चुका है। हालांकि, अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं हो सका है, और इसका कारण भाजपा है, जो अपने विधायक दल का नेता नहीं चुन पा रही है।
Jharkhand: झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के गठन के बाद अब छठी विधानसभा का पहला सत्र भी शुरू हो गया है। इस सत्र में सरकार की कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन भाजपा अभी तक अपने विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है, जिससे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली पड़ा है।
हेमंत की तरफ से सब कुछ क्लियर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के बाद सभी विधायी कार्य सुचारू रूप से निपटा दिए हैं। विधानसभा के नए अध्यक्ष का भी चयन हो चुका है। अब सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के चयन का इंतजार है।
भाजपा अब तक नहीं चुन पाई विधायक दल का नेता
भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल का नेता नहीं चुना है, जिससे छठी विधानसभा का पहला सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के चल रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है कि पार्टी जल्द ही विधायक दल के नेता का चयन कर लेगी। झारखंड की पिछली पांचवीं विधानसभा भी लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष के बिना चली थी।
BJP के लिए हो रहा मुश्किल
भाजपा में नई परिस्थितियों के कारण विधायक दल का नेता किसे चुना जाएगा, यह तय नहीं हो पा रहा है। विभिन्न नामों पर चर्चा हो रही है और चयन की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। संभावना जताई जा रही है कि बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता घोषित किया जाएगा।
कांग्रेस की भी BJP जैसी स्थिति
वहीं, कांग्रेस के लिए भी यही स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार में चार मंत्री बनाए जा चुके हैं, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। इस पद को लेकर पार्टी में कई दावेदार हैं और विवाद से बचने के लिए नेता चयन की प्रक्रिया को फिलहाल टाल दिया गया है। संभावना है कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा और नए नेता की घोषणा की जाएगी।