Jharkhand Election 2024: झरिया बुर्का विवाद! झारखंड चुनाव में मची धांधली, गरमाया राजनीतिक माहौल

Jharkhand Election 2024: झरिया बुर्का विवाद! झारखंड चुनाव में मची धांधली, गरमाया राजनीतिक माहौल
Last Updated: 17 घंटा पहले

झारखंड के दूसरे चरण के मतदान में चुनाव आयोग ने मधुपुर के पीठासीन अधिकारी को हटाया, उन पर एक पार्टी के पक्ष में काम करने का आरोप था। वहीं, झरिया में महिलाओं से पहचान के लिए बुर्का हटाने पर विवाद हुआ।

Jharkhand: झारखंड में दूसरे चरण के मतदान के दौरान चुनाव आयोग ने मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के एक पीठासीन अधिकारी को हटा दिया। अधिकारी पर आरोप था कि वह एक विशेष दल के पक्ष में काम कर रहे थे। उनकी जगह एक अन्य अधिकारी की तैनाती की गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया। 

भा.ज.पा. सांसद की शिकायत पर हुई सख्त कार्रवाई

गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी शिकायत पर चुनाव आयोग ने तत्काल कार्रवाई की और आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि यह संकेत देता है कि चुनाव आयोग शिकायतों को गंभीरता से लेता है और नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाता है। 

देवघर प्रशासन ने भी अपने आधिकारिक बयान में बताया कि पीठासीन अधिकारी को वेबकास्टिंग कक्ष में वोटिंग कंपार्टमेंट के नजदीक पाया गया, जो कि चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन था। इसके बाद अधिकारी को हटा दिया गया और जांच के आदेश दिए गए। प्रशासन ने यह भी कहा कि अब इस मामले की गहन जांच की जाएगी और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

झरिया में बुर्का विवाद

वहीं, धनबाद जिले के झरिया विधानसभा क्षेत्र के कुल्ही स्थित बूथ संख्या 178 पर बुर्का हटाने को लेकर विवाद की खबर सामने आई। मतदान करने आई कुछ महिलाओं से मतदान कर्मियों ने पहचान के लिए नकाब हटाने को कहा, जिससे हंगामा मच गया। महिलाओं ने नाराज होकर अपना मतदाता पर्ची फाड़ दिया और विरोध प्रदर्शन करने लगीं। इसके बाद, महिलाओं के परिजन भी मौके पर पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को मौके पर बुलाया गया और उन्होंने स्थिति को शांत किया।

वोटिंग प्रक्रिया में सुरक्षा और निगरानी

यह घटनाएं चुनावी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और निगरानी की अहमियत को दर्शाती हैं। चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन ने ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई की और मतदाता और मतदान कर्मियों के बीच अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रयास किए। इस प्रकार के विवाद मतदान प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इन मुद्दों पर समय रहते नियंत्रण पाना जरूरी है।

 

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