इंडिया गठबंधन ने झारखंड के लिए कुछ प्रमुख वादे किए हैं। इन वादों में महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये की सहायता देने, गैस सिलेंडर 450 रुपये में देने, और प्रत्येक व्यक्ति को 7 किलो राशन देने की घोषणा शामिल हैं।
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है, जिसमें सत्ता पर काबिज कांग्रेस और झामुमो के गठबंधन ने जनता से सात प्रमुख गारंटी देने का वादा किया है। राहुल गांधी की मौजूदगी में इन वादों को सार्वजनिक किया और कहा गया कि अगर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है, ये गारंटी पूरी की जाएंगी।
इंडिया गठबंधन की सात गारंटी
1. गारंटी 1932 आधारित खतियान की स्थानीयता नीति:- 1932 खतियान को आधार मानते हुए स्थानीयता नीति लागू की जाएगी। सरना धर्म कोड को लागू किया जाएगा, जो स्थानीय आदिवासी समुदायों की पहचान को सम्मानित करेगा।
2. गारंटी महिला सम्मान की:- महिलाओं को 2,500 रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
3. गारंटी सामाजिक न्याय की:- ST को 28%, SC को 12%, और OBC को 27% आरक्षण दिया जाएगा।
4. गारंटी खाद्य सुरक्षा की:- गैस सिलेंडर 450 रुपये में मिलेगा। हर व्यक्ति को 7 किलो राशन दिया जाएगा।
5. गारंटी रोजगार और स्वास्थ्य सुरक्षा की:- बेरोजगारों को 10 लाख नौकरियां उपलब्ध करवाई जाएंगी। 15 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
6. गारंटी शिक्षा की:- सभी प्रखंडों में डिग्री कॉलेज बनाए जाएंगे। जिला मुख्यालयों में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।
7. गारंटी किसान कल्याण की:- धान की MSP को 3,200 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा। अन्य कृषि उत्पादों की MSP में 50% तक वृद्धि की जाएगी।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला
राहुल गांधी ने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने झारखंड को 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया नहीं दिया है, जो राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी था। राहुल गांधी ने यह स्पष्ट किया कि यह पैसा अडानी या नरेंद्र मोदी का नहीं है, बल्कि यह झारखंड की जनता का पैसा है, जिसे केंद्र सरकार ने नहीं दिया।
उन्होंने भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी नीतियां आदिवासियों के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को डराने-धमकाने और झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की गई, केवल इसलिए क्योंकि वह आदिवासी हैं और सरकार से सवाल कर रहे थे। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब बड़े उद्योगपतियों का पैसा माफ किया जाता है, तो मीडिया उसे विकास की योजना बताता है, लेकिन जब सरकार गरीब किसानों और महिलाओं के लिए योजनाएं बनाती है, तो उसे 'फ्री की योजना' कहा जाता है, जो उनके मुताबिक बिल्कुल गलत शब्द हैं।