जी20 शिखर सम्मेलन में अपने सबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों की चुनौतियों पर विशेष ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्षों के चलते खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट ने विशेष रूप से विकासशील और गरीब देशों को गंभीर रूप से प्रभावित किया हैं।
ब्राजील: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के सत्र में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को सफल अध्यक्षता के लिए बधाई देते हुए सम्मेलन के उत्कृष्ट प्रबंधों की सराहना की। अपने संबोधन में उन्होंने नई दिल्ली में भारत की अध्यक्षता में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के जन-केंद्रित निर्णयों की चर्चा की और कहा कि ब्राजील की अध्यक्षता में इन पहलों को आगे बढ़ाया गया हैं।
प्रधानमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राथमिकता दिए जाने की सराहना करते हुए इसे वैश्विक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" की विचारधारा को दोहराते हुए इसे वर्तमान और भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रासंगिक बताया।
'ईंधन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे अधिक प्रभावित है'- पीएम मोदी
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक संघर्षों के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट का सबसे अधिक असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चर्चा तभी सार्थक होगी जब इन देशों की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को केंद्र में रखा जाएगा।
पीएम मोदी ने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने की दिशा में एक बड़ा कदम था। साथ ही, उन्होंने वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना के तहत भारत ने चार करोड़ से अधिक किसानों को 20 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ प्रदान किया है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा और पोषण पर भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए बताया कि भारत विभिन्न देशों को खाद्य सामग्री भेजकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहा है। पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती, जैविक खेती और नई प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ श्री अन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने की पहल का उल्लेख किया।
भारत में शुरू किया 'डिजिटल कृषि मिशन'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की कृषि और समावेशी विकास की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत ने 2,000 से अधिक जलवायु-अनुकूल फसल किस्में विकसित की हैं, जो बदलते जलवायु परिदृश्य में किसानों को मदद प्रदान करती हैं। साथ ही, उन्होंने भारत के "डिजिटल कृषि मिशन" की चर्चा की, जो कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सफलता पर जोर देते हुए इसे सामाजिक और वित्तीय समावेशन का आधार बताया। उन्होंने "आकांक्षी जिलों और प्रखंडों की परियोजना" का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पहल देश के सबसे कमजोर और पिछड़े क्षेत्रों को सशक्त बनाकर समावेशी विकास के लिए एक प्रभावी मॉडल प्रस्तुत करती है। यह दृष्टिकोण न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक संदर्भ में भी विकास के लिए एक प्रेरणा बन सकता हैं।