झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आवासीय कार्यालय अस्थायी रूप से कांके रोड स्थित एक अन्य सरकारी आवास में शिफ्ट किया जा रहा है। यह कदम राज्य के मुख्यमंत्री आवास के कार्यालय और परिसर की मरम्मत की योजना के तहत उठाया गया है। इस दौरान, पूर्व मुख्य सचिव के आवास को मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में अस्थायी रूप से आवंटित किया गया है। इस बदलाव के बाद, आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो को अपना सरकारी आवास खाली करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत के कारण शिफ्टिंग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवासीय कार्यालय का स्थान परिवर्तन राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे मरम्मत कार्यों के कारण किया जा रहा है। भवन निर्माण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जब तक आवासीय कार्यालय की मरम्मत का कार्य पूरा नहीं होता, तब तक कांके रोड स्थित पूर्व मुख्य सचिव के आवास को मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में अस्थायी रूप से आवंटित किया जाएगा।
यह कदम मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्यप्रणाली को सुचारू रखने के उद्देश्य से लिया गया है, और विभाग ने इस बदलाव को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री का कार्यस्थल अस्थायी रूप से कांके रोड में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि मरम्मत कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की कार्यशक्ति में कोई विघ्न न आए।
सुदेश महतो को आवास खाली करने का आदेश
कांके रोड स्थित सरकारी आवास का यह निर्णय आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। इस आवास को 2009 से सुदेश महतो को आवंटित किया गया था, और यहीं से उनकी पार्टी की सभी गतिविधियाँ संचालित होती थीं। अब, मुख्यमंत्री के अस्थायी कार्यालय के लिए इस आवास को खाली करने का आदेश जारी किया गया हैं।
सुदेश महतो को अब इस सरकारी आवास को छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस कदम को लेकर महतो या उनके पार्टी के किसी सदस्य ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन यह कदम राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा हैं।
भवन निर्माण विभाग का आदेश और नई व्यवस्था
भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के पुनर्निर्माण कार्य के दौरान, कांके रोड स्थित आवास संख्या-5 को अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री का आवास घोषित किया जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और सुदेश महतो को अपने वर्तमान आवास को खाली करना होगा।
इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुख्यमंत्री के कार्यालय की मरम्मत के बाद, इस स्थान पर नई व्यवस्था स्थापित की जाएगी और उसी के अनुरूप अन्य प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, यह भी कहा गया है कि किराया वसूली और बेदखली के नियमों की अवधि समाप्त हो चुकी है, इसलिए इस सरकारी आवास को अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री के कार्यालय के रूप में आवंटित किया गया हैं।
राजनीतिक बदलाव और संभावित प्रभाव
इस फैसले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर आजसू पार्टी और उसके प्रमुख सुदेश महतो के लिए। महतो के लिए यह कदम चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी की गतिविधियों और आवास के लिए नए स्थान का चुनाव करना पड़ेगा। साथ ही, इस बदलाव के बाद, राज्य के राजनीतिक समीकरणों में भी कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जो आगामी चुनावों और पार्टी के भीतर की रणनीतियों पर असर डाल सकते हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आवासीय कार्यालय शिफ्ट होने के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि किस प्रकार राज्य सरकार की कार्यशक्ति प्रभावित होती है और यह राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में कैसे हलचल पैदा करता है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम सरकार की प्रशासनिक कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए जरूरी था, लेकिन इसके राजनीतिक प्रभाव भी हो सकते हैं।