झारखंड में पहला ट्राइबल टूरिज्म कॉरिडोर अड़की से उलिहातु के बीच बनेगा। इससे पर्यटक बिरसा मुंडा की जन्मस्थली देख सकेंगे, साथ ही खनन कार्यों से अवगत होंगे और रोजगार बढ़ेगा।
Jharkhand News: झारखंड सरकार ने राज्य में ट्राइबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पहला ट्राइबल टूरिज्म कॉरिडोर विकसित करने की योजना बनाई है। यह कॉरिडोर अड़की से उलिहातु के बीच बनेगा और इसके माध्यम से पर्यटक भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली भी देख सकेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति, खानपान और रहन-सहन को पर्यटकों के सामने लाना है।
माइंस टूरिज्म की पहल
राज्य सरकार माइंस टूरिज्म को भी विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस पहल के तहत, सरकार का उद्देश्य खनन के कामों से लोगों को अवगत कराना है। पर्यटक खनिजों के खनन, ओपन कास्ट माइंस और खनन से संबंधित चुनौतियों को देख सकेंगे। यह टूरिज्म स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
ग्राम वन समितियों की भागीदारी
पर्यटन स्थलों के संचालन और देखभाल की जिम्मेदारी स्थानीय ग्राम वन समितियों को सौंपे जाने की योजना है। इन समितियों के माध्यम से वनों में स्थित झरनों और नदियों के पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। साथ ही, वन पर्यावरण को सहेजते हुए पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
पलामू किला और मेगालिथ का संरक्षण
मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलामू किला के जीर्णोद्धार की दिशा में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से शीघ्र पत्राचार करने की बात कही। पलामू किला ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, हजारीबाग के मेगालिथ का भी विकास किया जाएगा, ताकि यह स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके।