अमित शाह ने उधमपुर में आयोजित एक रैली के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह पार्टी अफजल गुरु की फांसी का विरोध कर रही है, जो संसद पर हमले का मास्टरमाइंड था। शाह ने कहा कि कांग्रेस और नेकां की नीतियां जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हैं।
उधमपुर: अमित शाह ने उधमपुर में रैली को संबोधित करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि अफजल गुरु, जिसने देश की संसद पर हमला करवाया था, उसकी फांसी का नेकां ने विरोध किया था। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद को वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भाजपा और केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, आतंकवाद को "पाताल तक दफन" करने का संकल्प ले चुकी हैं।
शाह ने उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अफजल गुरु की फांसी का विरोध कर रहे हैं और ऐसी नीतियां अपनाते हैं जो आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन पाकिस्तान के एजेंडे को लागू करने की कोशिश करेगा, जबकि भाजपा का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाना हैं।
अमित शाह ने राहुल-अब्दुला पर बोला हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उधमपुर की रैली में उमर अब्दुल्ला और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। उन्होंने उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए कहा, "आप आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते रहिए, लेकिन जो आतंक फैलाएगा, उसका जवाब फांसी के तख्ते पर ही दिया जाएगा।" शाह ने कहा कि अब्दुल्ला और राहुल गांधी किस मुंह से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र लाने की बात करते हैं, क्योंकि अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवारों ने 70 वर्षों तक वहां के लोकतंत्र को जकड़ कर रखा था।
शाह ने यह भी आरोप लगाया कि इन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर में सत्ता को अपने हाथों में केंद्रित रखा और असली लोकतंत्र का अनुभव लोगों तक पहुंचने नहीं दिया। उन्होंने भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में सही मायनों में लोकतंत्र की स्थापना हो रही है और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा रहा हैं।
परिवारवाद पर क्या बोले अमित शाह?
उधमपुर की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "अब यहां पंच, सरपंच भी हैं, ब्लॉक और जिले के चुनाव भी हुए हैं, जो पहले कभी नहीं होते थे।" शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में 40 हजार जनप्रतिनिधियों को लोकतंत्र का वास्तविक लाभ पहुंचाया हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अब गांवों में पंच-सरपंच के जरिए लोग अपनी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और लोकतंत्र का जश्न मना रहे हैं। शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), कांग्रेस और पीडीपी के तीन राजवंशों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इन दलों ने भाई-भतीजावाद और परिवारवाद को बढ़ावा दिया, जिससे राज्य का विकास रुक गया था। अब, मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के युवा राज्य के विकास और निर्णय लेने में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।