जम्मू-कश्मीर में तीसरे चरण के चुनावों में कई प्रमुख नेताओं की चुनावी किस्मत दांव पर लगी है। इस सूची में सज्जाद लोन, जो कि एक प्रमुख राजनीतिक नेता हैं, का नाम शामिल है। इसके अलावा, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और मुजफ्फर हुसैन बेग भी चुनावी मैदान में हैं। इन दिग्गज नेताओं की जीत या हार से राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आज तीसरे और अंतिम चरण में 40 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। इस चुनाव में कुल 415 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण में कई प्रमुख नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है, जिनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और मुजफ्फर हुसैन बेग का नाम शामिल है। मतदान के इस अंतिम चरण के परिणाम राज्य की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव देखने को मिल सकता हैं।
तारा चंद छंब विधानसभा सीट से आजमा रहे किस्मत
पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारा चंद इस बार छंब विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वे 5 नवंबर 2009 से 24 दिसंबर 2014 तक राज्य के डिप्टी सीएम रह चुके हैं। इस बार छंब सीट पर कुल आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिसमें तारा चंद का मुख्य मुकाबला बीजेपी के मलकीत कुमार से है। नेशनल पैंथर्स (भीम) पार्टी के विजय कुमार भी इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगे हुए हैं, जबकि अन्य पांच उम्मीदवार निर्दलीय हैं। तारा चंद ने 2014 के विधानसभा चुनाव में छंब सीट पर बीजेपी के कृष्ण लाल से हार का सामना किया था, जहां वे दूसरे नंबर पर रहे। हालांकि, उन्होंने 2002 और 1996 के चुनाव में जीत हासिल की थी।
तारा चंद ने मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकारों में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता, उपमुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। अब, पिछली हार के बाद, वे एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं, और उनकी जीत की संभावना पर सभी की नजरें टिकी हैं।
मुजफ्फर हुसैन बेग चुनाव में दे सकते है कड़ी टक्कर
पूर्व डिप्टी सीएम मुजफ्फर हुसैन बेग इस बार बारामूला विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वे दो नवंबर 2005 से 11 जुलाई 2008 तक जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम रहे और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। हालांकि, 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद उन्होंने पीडीपी छोड़ दी। 78 वर्षीय बेग ने 2002 और 2008 में पीडीपी के उम्मीदवार के रूप में बारामूला सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार उनका मुकाबला अपने भतीजे जाविद हसन बेग से है, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जाविद ने 2014 में पीडीपी के उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में बेग के लिए यह मुकाबला उनके परिवार के भीतर भी महत्वपूर्ण हो गया है, और सभी की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हुई हैं।
सज्जाद लोन दो सीट से पेश कर रहे दावेदारी
सज्जाद गनी लोन, जो कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष हैं, आज के चुनाव में हंदवाड़ा और कुपवाड़ा दोनों सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। हंदवाड़ा सीट पर लोन का मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता चौधरी मोहम्मद रमजान से है, जिन्होंने इस सीट से चार बार जीत हासिल की है। इसके अलावा, हंदवाड़ा सीट पर लोन के खिलाफ पीडीपी के गौहर आज़ाद मीर, बीजेपी के गुलाम मोहम्मद मीर, और अवामी इत्तेहाद पार्टी के अब्दुल माजिद बंदे भी चुनावी मैदान में हैं। इस क्षेत्र में यह मुकाबला बेहद रोचक होने की उम्मीद हैं।