भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मंगल और केतु को क्रूर और उग्र ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। जब ये दोनों ग्रह एक ही राशि में युति करते हैं, तो वह समय सामान्य नहीं रहता। यह स्थिति एक विशेष और अत्यंत प्रभावशाली योग बनाती है, जिसे कुज-केतु योग कहा जाता है। इसे 'विध्वंसक योग' भी माना जाता है, क्योंकि यह मानसिक अशांति, संबंधों में तनाव, आक्रामकता और दुर्घटनाओं जैसी स्थितियों का कारण बनता है।
वर्ष 2025 में यह योग 7 जुलाई को सिंह राशि में बन रहा है, जब मंगल इसी राशि में गोचर करेंगे और वहां पहले से स्थित केतु के साथ मिलकर यह विनाशकारी युति बनाएंगे। कुज-केतु योग का प्रभाव राशिचक्र की कई राशियों पर पड़ेगा, लेकिन तीन राशियां विशेष रूप से प्रभावित होंगी — सिंह, धनु और कुंभ।
कुज-केतु योग: क्यों होता है घातक?
इस योग में मंगल ग्रह क्रिया, साहस और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि केतु सन्यास, अलगाव और रहस्य का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह मिलते हैं तो व्यक्ति में अनावश्यक गुस्सा, गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति और अस्थिरता बढ़ती है। खासकर जब युति भावात्मक या रिश्तों से जुड़ी भावों में हो, तो प्रेम और विवाह जैसे पवित्र संबंध भी प्रभावित होते हैं।
सिंह राशि: स्वभाव की तीव्रता बन सकती है रिश्तों में बाधा
केतु और मंगल दोनों का गोचर आपकी राशि में हो रहा है, जो आपके वैयक्तिक जीवन, मानसिक स्थिति और साझेदारी से संबंधित सप्तम भाव को प्रभावित करेगा। सप्तम भाव विवाह और जीवनसाथी से जुड़ा होता है। ऐसे में इस समय में विवाहेतर तनाव, वैचारिक टकराव और आपसी संवाद की कमी हो सकती है।
प्रभाव:
- जीवनसाथी से दूरी की संभावना
- संदेह और झूठे आरोपों के चलते रिश्तों में खटास
- मानसिक तनाव और बेचैनी
- सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान
उपाय:
- रोज़ शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें
- सफेद वस्त्र पहनें और संयमित भाषा का प्रयोग करें
- आवश्यकता से अधिक वाद-विवाद से बचें
धनु राशि: प्रेम जीवन में दरार और भ्रम की स्थिति
धनु राशि के लिए यह युति पंचम भाव में बन रही है, जो प्रेम, संतान और रचनात्मकता का भाव है। मंगल-केतु की युति यहां गलतफहमियों और भ्रम की स्थिति को जन्म दे सकती है। यदि आप प्रेम संबंध में हैं, तो इस दौरान संयम और विश्वास अत्यंत आवश्यक होगा।
प्रभाव:
- प्रेमी के साथ मनमुटाव और टकराव
- तीसरे व्यक्ति की दखल से रिश्ते में टूटन की संभावना
- बच्चों को लेकर चिंता और पारिवारिक तनाव
- स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
उपाय:
- पीले वस्त्र धारण करें और बृहस्पति वार को केले के पेड़ की पूजा करें
- गाय को पीला चारा खिलाएं
- गुरुवार को पीली दाल और हल्दी का दान करें
कुंभ राशि: वैवाहिक जीवन में वाद-विवाद और समाज में अपयश
कुंभ राशि के जातकों के सप्तम भाव में यह युति बन रही है, जो विवाह और साझेदारी का मुख्य भाव होता है। मंगल की आक्रामकता और केतु की छद्म प्रवृत्ति इस समय आपके जीवनसाथी के साथ संबंधों में खटास ला सकती है।
प्रभाव:
- जीवनसाथी के साथ झगड़े और मनमुटाव
- बातों को गलत समझने और बताने की प्रवृत्ति
- रिश्तेदारों या ससुराल पक्ष से विवाद
- समाज में मानहानि या अपयश
उपाय:
- रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करें
- मंगलवार और शनिवार को बजरंगबली को चोला चढ़ाएं
- लाल मसूर की दाल का दान करें
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समाधान
कुज-केतु योग से उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा को केवल पूजा-पाठ या ज्योतिषीय उपायों से ही नहीं, बल्कि आत्मसंयम और सकारात्मक सोच से भी संतुलित किया जा सकता है। इस दौरान ध्यान, प्राणायाम और संयमित भोजन शैली को अपनाकर मानसिक संतुलन बनाए रखें।
7 जुलाई 2025 से आरंभ हो रही केतु-मंगल की युति केवल एक खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि यह उन संबंधों और विचारों की परीक्षा है जो जीवन में स्थायित्व लाते हैं। सिंह, धनु और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह समय चुनौतियों से भरा हो सकता है, लेकिन धैर्य, श्रद्धा और संयम के साथ इन प्रभावों को न्यूनतम किया जा सकता है।