जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल ने कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, ताकि वक्फ बिल पर और समय तक चर्चा हो सके।
JPC on Waqf bill: संसद के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन (28 नवंबर 2024) भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। हालांकि, इस दिन एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ, जब लोकसभा ने वक्फ संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया। अब जेपीसी अपनी रिपोर्ट बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन पेश करेगी।
जेपीसी प्रमुख ने कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव पेश
जेपीसी के प्रमुख और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने वक्फ बिल पर कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया। पाल का दावा था कि रिपोर्ट तैयार है, लेकिन विपक्षी दलों के सांसदों ने समिति को अधिक समय देने की मांग की। प्रस्ताव को लोकसभा ने पारित कर दिया, जिससे अब जेपीसी 29 नवंबर के बजाय बजट सत्र 2025 के अंत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
हंगामे के चलते स्थगित हुई कार्यवाही
गुरुवार को संसद की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, लेकिन विपक्ष ने अडानी रिश्वत कांड और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया। इसके कारण लोकसभा स्पीकर ने कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया। इसके बाद कार्यवाही फिर शुरू हुई, जिसमें जेपीसी के कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव पारित हुआ।
जेपीसी रिपोर्ट की नई समय सीमा
जेपीसी को पहले 29 नवंबर 2024 तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी। यह शीतकालीन सत्र के एजेंडे में भी शामिल था। लेकिन कार्यकाल बढ़ने के बाद अब समिति बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करेगी।
विपक्ष पर किरेन रिजिजू का हमला
जेपीसी के कार्यकाल बढ़ने के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपने ही बनाए नियम तोड़कर संसद की कार्यवाही में बाधा डाली। उन्होंने कहा, "सभी नेताओं और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों ने बिलों पर चर्चा के लिए समय तय किया था, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने हंगामे से यह प्रक्रिया बाधित की।"