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केंद्र सरकार ने बनाया 7 सांसदों का डेलिगेशन, शशि थरूर भी शामिल, सरकार का जताया आभार

केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेरने के लिए सांसदों का डेलिगेशन बनाया, जिसमें शशि थरूर भी शामिल हैं। थरूर ने कहा कि राष्ट्रहित में कभी पीछे नहीं रह सकता और सरकार का आभार जताया।

Shashi Tharoor: केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी लड़ाई को और मजबूती देने के लिए सात सदस्यों का एक ऑल पार्टी डेलिगेशन (All Party Delegation) बनाया है। इस डेलिगेशन में देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जिनका लक्ष्य पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को विश्व समुदाय के सामने बेनकाब करना है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर इस डेलिगेशन में शामिल हैं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए सरकार का धन्यवाद किया है।

शशि थरूर का संदेश: ‘राष्ट्रहित में पीछे नहीं रह सकता’

डेलिगेशन में शामिल होने के बाद शशि थरूर ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "जब बात राष्ट्रहित की हो, तो मैं कभी पीछे नहीं रह सकता। भारत सरकार ने मुझे ऑल पार्टी डेलिगेशन में शामिल किया है ताकि हम हाल के आतंकवादी मामलों पर देश का पॉइंट ऑफ व्यू विश्व स्तर पर रख सकें। मैं इस अवसर के लिए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।"

कौन-कौन हैं इस डेलिगेशन में?

सरकार ने इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए सात सांसदों का चयन किया है, जो विभिन्न राजनीतिक दलों से हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. कांग्रेस के शशि थरूर
  2. भाजपा के रविशंकर प्रसाद
  3. जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संजय कुमार झा
  4. भाजपा के बैजयंत पांडा
  5. डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि
  6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सुप्रिया सुले
  7. शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे

यह डेलिगेशन यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदार देशों का दौरा करेगा। उनका उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर और क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म (Cross Border Terrorism) के खिलाफ भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का संदेश विश्व स्तर पर पहुंचाना है।

केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू का संदेश: “भारत एकजुट है”

संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजिजू ने इस डेलिगेशन के गठन की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने लिखा कि ये सात सदस्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दुनियाभर में साझा करेंगे। रिजिजू ने कहा कि यह डेलिगेशन राजनीति से ऊपर है और यह राष्ट्रीय एकता का एक मजबूत प्रतीक है। उनका कहना था, "सबसे अहम पलों में भारत एकजुट खड़ा होता है।"

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