Kolkata Rape Murder Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर ED की छापेमारी, अधिकारियों ने कई दस्तावेज़ और सबूतों को किया जब्त, जानिए...

Kolkata Rape Murder Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर ED की छापेमारी, अधिकारियों ने कई दस्तावेज़ और सबूतों को किया जब्त, जानिए...
Last Updated: 06 सितंबर 2024

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजी कर हॉस्पिटल की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच शुरू कर दी है। इसके तहत हावड़ा के सांकराइल और कोलकाता के बेलेघाटा में छापेमारी की गई है। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई दस्तावेज़ और सामग्री को जब्त किया है, जो आगे की जांच के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

Kolkata: ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आरजी कर हॉस्पिटल की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में संदीप घोष और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। कोलकाता में यह छापेमारी 5 से 6 अलग-अलग लोकेशनों पर की जा रही है। यह कार्रवाई उन आरोपों की जांच के सिलसिले में की जा रही है जिनके अनुसार हॉस्पिटल ने वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त हो सकता हैं।

सीबीआई ने संदीप घोष और उनके साथियों को किया गिरफ्तार

CBI ने RG कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के EX प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और उनके सहयोगियों को वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अन्य तीन व्यक्ति भी शामिल हैं।

1. अफसर अली (44): डॉ. घोष का सुरक्षाकर्मी।

2. बिप्लव सिंघा (52): अस्पताल के विक्रेता, जो अस्पताल को सामग्री की आपूर्ति करता था।

3. सुमन हजारा (46): भी एक विक्रेता, जो सामग्री की आपूर्ति करता था।

संदीप घोष पर लगे थे कई आरोप

संदीप घोष के प्रिंसिपल रहते हुए संस्थान में कई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें हुई थीं, जिसे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने दर्ज कराया था। उन्होंने संदीप घोष पर आरोप लगाया था कि वह अस्पताल में लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार और निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद का काम कर रहे थे। पहले कोलकाता पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।

हाईकोर्ट के आदेश के दौरान CBI ने की मामले की जाँच

कोलकाता पुलिस ने 19 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (साजिश), 420 (धोखाधड़ी), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (नौकरशाह को रिश्वत देने या लेने) के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद, हाईकोर्ट के आदेश के तहत सीबीआई ने 24 अगस्त को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली। इन्हीं धाराओं के आधार पर संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया था।

 

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