Maha Kumbh 2025: कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए महाकुंभ की भगदड़ की घटना को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम थी। सांसद ने दावा किया कि भगदड़ में मारे गए लोगों की सही संख्या नहीं बताई जा रही है और न ही लापता लोगों के बारे में कोई जानकारी दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा, "यह साफ दिखता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी व्यवस्था को राम भरोसे छोड़ दिया है। सरकार के दावों के बावजूद, इस भगदड़ में कितने लोग मारे गए और कितने लापता हैं, यह सब छुपाया जा रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का रवैया खोखला साबित हो चुका हैं।
जेपीसी जांच की मांग
उज्जवल रमण सिंह ने इस घटना की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करने की मांग की। उनका कहना था, "मैं जेपीसी की मांग करता हूं। सभी सांसदों को इस घटना के तथ्यों को देखना चाहिए और यह देखना चाहिए कि किस तरह की अव्यवस्था थी।" उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को हर जगह साजिश नजर आती है, लेकिन असल में उन्हें अपनी कमियों को देखना चाहिए और अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार से देश से माफी मांगने की भी अपील की। उनका मानना है कि इस तरह की अव्यवस्था और भगदड़ की घटनाएं सिर्फ सरकार की लापरवाही और अनदेखी का परिणाम हैं।
द्रमुक सांसद कनिमोझि का बयान
महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा करते हुए द्रमुक सांसद कनिमोझि ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस घटना में लोगों की सुरक्षा और रक्षा की जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। कनिमोझि ने यह भी कहा कि जब धर्म और राजनीति को एक साथ मिलाया जाता है, तो इसका परिणाम इस तरह की घटनाओं के रूप में सामने आता है। उन्होंने महाकुंभ भगदड़ को इसका एक उदाहरण बताया।
उत्तर प्रदेश सरकार पर द्रमुक सांसद का हमला
कनिमोझि ने आगे कहा कि जब धर्म और राजनीति का मेल होता है, तो नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। इस भगदड़ के जरिए यह साफ हो गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्तव्यों को सही तरीके से नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में सही व्यवस्था का होना जरूरी है, ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।