Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ हादसे की जांच के लिए आज घटनास्थल पर पहुंचेगी न्यायिक आयोग की टीम, भगदड़ की तहकीकात शुरू

Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ हादसे की जांच के लिए आज घटनास्थल पर पहुंचेगी न्यायिक आयोग की टीम, भगदड़ की तहकीकात शुरू
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ के दौरान संगम नोज पर हुए दर्दनाक भगदड़ हादसे की जांच के लिए आज न्यायिक आयोग की टीम प्रयागराज पहुंच रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित इस आयोग का उद्देश्य भगदड़ की वजहों की गहराई से जांच करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें तैयार करना है। यह टीम आज दोपहर एक बजे घटनास्थल पर पहुंचेगी, जहां पर जांच का काम शुरू होगा।

न्यायिक आयोग का गठन और कार्य योजना

महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या से पहले संगम नोज पर हुई इस भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। आयोग के अध्यक्ष के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार को नियुक्त किया गया है, जबकि पूर्व आईपीएस वीके गुप्ता और पूर्व आईएएस डीके सिंह को इसके सदस्य बनाए गए हैं। गुरुवार को इस आयोग ने लखनऊ में बैठक आयोजित की और मामले की जांच के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार की।

घटनास्थल पर जांच का अहम दौर

न्यायिक आयोग की टीम शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचने के बाद उस घटनास्थल पर पहुंचेगी, जहां पर भगदड़ मची थी। यह टीम सुरक्षा व्यवस्थाओं और घटना के कारणों की जांच करेगी। साथ ही, घटना के समय मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों और घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों से भी पूछताछ की जाएगी। इस दौरान, सुरक्षा में हुई चूक, प्रशासन की ओर से की गई लापरवाहियों और मेला प्रशासन की भूमिका पर भी गौर किया जाएगा।

टीम घटना के बाद मौके पर हुए हालातों का भी गहन मूल्यांकन करेगी और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके बाद जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे सरकार के सामने पेश किया जाएगा।

न्यायिक आयोग के सामने बड़ी चुनौती

जांच समिति के सामने यह चुनौती होगी कि वह न केवल घटना की वजह को सही तरीके से उजागर करे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए प्रभावी उपाय किए जा सकें। जांच के दौरान टीम सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण और प्रशासन की भूमिका पर विशेष ध्यान देगी।

यह आयोग एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा, जिसमें घटना की पूरी जानकारी, सुरक्षा में हुई चूक और सुधार के लिए जरूरी कदमों के सुझाव दिए जाएंगे। इस रिपोर्ट के बाद सरकार उचित कदम उठाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।

सीएम योगी का एक्शन और आयोग का गठन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में तुरंत एक्शन लिया और घटना के तुरंत बाद न्यायिक आयोग का गठन कर दिया। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्धता व्यक्त की है और आश्वासन दिया है कि दोषियों को सजा दिलवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन और पुलिस को भी कड़ी हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा प्रबंधों को और अधिक मजबूत किया जाए।

अंत में, महाकुंभ के दौरान हुई इस भगदड़ ने न केवल यूपी, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सरकार और न्यायिक आयोग इस हादसे के कारणों का पता लगाने में जुटे हैं ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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