Mahakumbh 2025: आज मौनी अमावस्या को होगा महास्नान, 10 जिलों के DM-SP ने संभाली सुरक्षा की कमान; अखाड़ा मार्ग को किया गया सील

Mahakumbh 2025: आज मौनी अमावस्या को होगा महास्नान, 10 जिलों के DM-SP ने संभाली सुरक्षा की कमान; अखाड़ा मार्ग को किया गया सील
Last Updated: 2 दिन पहले

महाकुंभ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व, मौनी अमावस्या पर संगम में आज (28 जनवरी) रात 8 बजे से स्नान शुरू होगा। इस आयोजन में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

प्रयागराज: महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं। संगम की पावन धरा पर अमृत पान की उत्कंठा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लगभग 12 किलोमीटर के क्षेत्र में 44 घाट विकसित किए गए हैं। संगम तट के साथ ही ऐरावत घाट और अरैल घाट पर भी विशेष तैयारियां की गई हैं। सभी घाटों पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को तैनात किया गया है, जबकि ऐरावत और अरैल घाट पर आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।

इसके अलावा, प्रयागराज और उसके आसपास के 10 जिलों के डीएम और एसपी को भी व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं कि संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और यह महापर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।

कई करोड़ श्रद्धालुओं के आने का है अनुमान

महाकुंभ के इस मुख्य अमृत स्नान पर्व पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान लगाया गया है, और इसी के अनुरूप प्रशासन ने विस्तृत प्रबंध किए हैं। दो दिन पहले से ही संगम नगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। मेला क्षेत्र में सभी संतों, कल्पवासियों और संस्थाओं के शिविर पूरी तरह भर चुके हैं। रैन बसेरों में जगह नहीं बची है, और शहर के होटल से लेकर मेला क्षेत्र में बनाए गए सरकारी और निजी टेंट सिटी तक पूरी तरह से बुक हो चुके हैं।

मौनी स्नान का महायोग मंगलवार रात आठ बजे के करीब से शुरू हो जाएगा, जबकि अखाड़ों का महास्नान बुधवार सुबह से प्रारंभ होगा। इस दौरान अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया गया है, ताकि संतों और अखाड़ों की परंपरागत शोभायात्रा और स्नान निर्विघ्न संपन्न हो सके।

अमृत स्नान पर्व पर अखाड़ों के संत-महात्मा, उनके शिष्य और भक्तों के लिए विशेष अमृत स्नान पथ तैयार किया गया है, जिसमें केवल इन्हीं को प्रवेश मिलेगा। अखाड़ों के लिए संगम तट पर अलग से स्नान घाट तैयार किया गया है, जहां आम श्रद्धालुओं को स्नान करने की अनुमति नहीं होगी। आम श्रद्धालुओं के लिए अलग घाट बनाए गए हैं, ताकि हर किसी के लिए स्नान सुविधाजनक और सुव्यवस्थित हो सके।

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