Mahakumbh 2025: वसंत पंचमी पर अखाड़ों में स्नान, प्रशासन की कड़ी निगरानी, 12 जिलों के डीएम और 15 IAS अधिकारी महाकुंभ में तैनात

Mahakumbh 2025: वसंत पंचमी पर अखाड़ों में स्नान, प्रशासन की कड़ी निगरानी, 12 जिलों के डीएम और 15 IAS अधिकारी महाकुंभ में तैनात
अंतिम अपडेट: 5 घंटा पहले

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर वसंत पंचमी स्नान का शुभारंभ हो चुका है। संगम नगरी में आस्था की लहर उमड़ पड़ी है, और सोमवार को करीब पांच करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना जताई गई है। सूर्योदय से पहले ही संगम जाने वाले सभी मार्गों पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया हैं।

सुरक्षा व प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनज़र प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। 12 जिलों के जिलाधिकारी (DM), 15 वरिष्ठ IAS और 85 PCS अधिकारी पूरे आयोजन की कमान संभाल रहे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 2700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाया गया हैं।

हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा

श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए प्रशासन ने 25 क्विंटल गुलाब के फूलों की वर्षा हेलीकॉप्टर से कराने की योजना बनाई है। यह दृश्य भक्तों के लिए अविस्मरणीय होगा, जब पूरा संगम क्षेत्र गुलाब की खुशबू से महक उठेगा।

त्रिवेणी तट पर आस्था का महासंगम

प्रशासन ने इस बार श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश को सुगम बनाने हेतु 14 प्रमुख और 32 मार्गों को सुचारू रूप से संचालित किया है। स्नान के लिए 12 किलोमीटर के दायरे में फैले 44 घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु परंपरागत रूप से तीन, सात या ग्यारह डुबकियां लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।

अखाड़ों का भव्य स्नान

सुबह से ही संगम किनारे विभिन्न अखाड़ों के संत-महात्माओं का आगमन शुरू हो गया। संतों के नेतृत्व में अनुयायी गंगा स्नान कर रहे हैं। हर-हर महादेव और जय गंगा मैया के गगनभेदी जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया हैं।

श्रद्धालुओं की आस्था और उल्लास चरम पर

स्नान के बाद श्रद्धालु अक्षयवट, लेटे हनुमानजी और अन्य पवित्र स्थलों के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। अयोध्या से आए संत सीतारमण दास ने कहा,
"कुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की जीवंत व्याख्या है। यहां समरसता और एकता का संदेश मिलता है।"

सनातन संस्कृति का प्रतीक और संदेश

महाकुंभ का आयोजन भारत की एकता, अखंडता और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। विभिन्न जाति, संप्रदाय और पंथों के लोग यहां एक साथ स्नान कर यह दर्शाते हैं कि सनातन धर्म विविधता में एकता का दर्शन कराता हैं।

प्रशासन की कड़ी निगरानी

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जल पुलिस, एनडीआरएफ और आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।

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