सीएम देवेंद्र फडणवीस ने फोन पर उद्धव ठाकरे को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन पूर्व सीएम ठाकरे समारोह में उपस्थित नहीं हुए।
Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद पहली बार शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। दोनों नेताओं की यह बैठक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हुई, जहां ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। यह मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सियासी पारी में एक नया मोड़
उद्धव ठाकरे और शरद पवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने फोन करके आमंत्रित किया था, लेकिन दोनों नेताओं ने समारोह में शिरकत नहीं की। इसके बजाय, ठाकरे ने विधानमंडल सत्र के दौरान सद्भावना मुलाकात का निर्णय लिया। ठाकरे ने बैठक के बाद कहा, "यह सिर्फ एक सद्भावना मुलाकात थी। हम चुनाव नहीं जीत सके, महागठबंधन चुनाव जीत गया। अब हमें उम्मीद है कि महाराष्ट्र के हित में काम किया जाएगा और जनता की आवाज सुनी जाएगी।"
राजनीतिक समीकरण
उद्धव ठाकरे की इस मुलाकात के बाद सूबे में राजनीतिक माहौल गर्म है और इसकी विभिन्न सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम भले ही विरोधी पक्ष में हैं और वे सत्ता पक्ष में हैं, लेकिन हम सभी जनता द्वारा चुने गए विधायक हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे विचार सुने जाएंगे और राज्य के विकास के लिए काम किया जाएगा। हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन हमें विश्वास है कि इस बहस से कुछ अच्छा निकलेगा।"
आदित्य ठाकरे का बयान
इस मुलाकात को लेकर शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा, "हम भले ही विपक्ष में हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। हमारे विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र के विकास के लिए सकारात्मक संवाद हो। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हमारे मुद्दों को गंभीरता से लेंगे और उन पर काम करेंगे।"
विपक्ष पर चुनावी हार का असर
चुनावी हार के बाद उद्धव ठाकरे का यह कदम राजनीतिक पुनरुद्धार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमने चुनाव नहीं जीते, लेकिन जनता की आवाज तो सुनी जानी चाहिए। अब हमें उम्मीद है कि महागठबंधन भी राज्य की जरूरतों के प्रति संवेदनशील रहेगा।" ठाकरे ने स्पष्ट किया कि वे जनता के मुद्दों को उठाने और राज्य में सकारात्मक बदलाव के लिए संघर्ष करते रहेंगे।