शरद पवार ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और पैसे का इस्तेमाल हुआ, जिससे जनता में बेचैनी बढ़ी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जन आंदोलन शुरू करना होगा, अन्यथा संसदीय लोकतंत्र नष्ट हो जाएगा।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 8 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है। शरद पवार ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि महाराष्ट्र में जनादेश का सम्मान नहीं हो रहा। उनका मानना है कि इतना स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी सरकार का गठन नहीं हो पाया, जो राज्य के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और पैसे का इस्तेमाल हुआ है, जिससे जनता में बेचैनी बढ़ी है।
पवार का दावा: संसदीय लोकतंत्र संकट में
शरद पवार ने कहा कि इस मामले को लेकर जन आंदोलन की आवश्यकता है और इसे सिर्फ महाराष्ट्र का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की स्थिति बनी रही तो भारत में संसदीय लोकतंत्र नष्ट हो सकता है। पवार ने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं को संसद में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक है।
ईवीएम और चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
शरद पवार ने पुणे में आयोजित बाबा आढाव के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने गलत भूमिका निभाई है। उनका कहना था कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं और इस विषय पर एक जन आंदोलन का समर्थन किया।
संजय राउत का शिंदे पर तंज
शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चयन में हो रही देरी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं से डरकर ही शिंदे ने सरकार गठन में देरी की है। राउत ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे अपने गांव में बैठकर सोच रहे हैं, और जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है, तो वे गांव चले जाते हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आता।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में हो रही देरी का कारण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत मिली, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन को केवल 48 सीटें मिलीं। अब सरकार बनाने के लिए बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बीच बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री और कैबिनेट को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। शपथ ग्रहण की तारीख का अभी तक कोई ऐलान नहीं हुआ है।
शरद पवार ने जनता से की अपील
शरद पवार ने कहा कि यदि संसदीय लोकतंत्र की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो जनता को खुद एक जन आंदोलन शुरू करना होगा। उनका विश्वास है कि इस आंदोलन का परिणाम जल्द ही सामने आएगा।